Shiksha paddhati essay (education system) in HINDI. ESSAY IN HINDI.
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शिक्षा पद्धति पर निबंध
प्रस्तावना:- शिक्षा एक व्यापक विषय है। जिसमे शिक्षा का विस्तार बहुत बड़े स्तर पर है। हमारे यहाँ शिक्षा का महत्व बस यही है कि जिसने 5-10 किताबे स्कूल जाकर होने अध्यापक से पड़ ली तो समझा जायेगा की वो शिक्षित है। और जिसने जितनी अधिक स्कूल कॉलेज जाकर अपने अध्यापक से शिक्षा ली वो उतना ही अधिक शिक्षित है। आजकल लोगो का यही मानना है जो व्यक्ति अक्षरों से परिचित है वो शिक्षित है। और जिसको अक्षरों का ज्ञान नहीं वो हमारे यहां अशिक्षीत है। मतलव किताबी शिक्षा होना हमारे देश में आवश्यक माना जाता है। और जो यह योग्यता नहीं रखी कदापि शिक्षित नहीं कहलाता है। वास्तव में शिक्षा का संपर्क स्कूली पठन -, पाठन से ज्यादा नहीं है आजकल शिक्षा का अर्थ कोई अच्छी सी नौकरी करना है। अथवा जो अच्छे पेशे के द्वारा जीविका अर्जन करना समझा जाता है। क्योंकि इन सभी कामो मे लिखना पढ़ना अनिवार्य होता है। इसलिए आजकल इन कामो में सफल वाले
प्रस्तावना:- शिक्षा एक व्यापक विषय है। जिसमे शिक्षा का विस्तार बहुत बड़े स्तर पर है। हमारे यहाँ शिक्षा का महत्व बस यही है कि जिसने 5-10 किताबे स्कूल जाकर होने अध्यापक से पड़ ली तो समझा जायेगा की वो शिक्षित है। और जिसने जितनी अधिक स्कूल कॉलेज जाकर अपने अध्यापक से शिक्षा ली वो उतना ही अधिक शिक्षित है। आजकल लोगो का यही मानना है जो व्यक्ति अक्षरों से परिचित है वो शिक्षित है। और जिसको अक्षरों का ज्ञान नहीं वो हमारे यहां अशिक्षीत है। मतलव किताबी शिक्षा होना हमारे देश में आवश्यक माना जाता है। और जो यह योग्यता नहीं रखी कदापि शिक्षित नहीं कहलाता है। वास्तव में शिक्षा का संपर्क स्कूली पठन -, पाठन से ज्यादा नहीं है आजकल शिक्षा का अर्थ कोई अच्छी सी नौकरी करना है। अथवा जो अच्छे पेशे के द्वारा जीविका अर्जन करना समझा जाता है। क्योंकि इन सभी कामो मे लिखना पढ़ना अनिवार्य होता है। इसलिए आजकल इन कामो में सफल वाले प्राचीन शिक्षा पद्धति-
प्रस्तावना:- शिक्षा एक व्यापक विषय है। जिसमे शिक्षा का विस्तार बहुत बड़े स्तर पर है। हमारे यहाँ शिक्षा का महत्व बस यही है कि जिसने 5-10 किताबे स्कूल जाकर होने अध्यापक से पड़ ली तो समझा जायेगा की वो शिक्षित है। और जिसने जितनी अधिक स्कूल कॉलेज जाकर अपने अध्यापक से शिक्षा ली वो उतना ही अधिक शिक्षित है। आजकल लोगो का यही मानना है जो व्यक्ति अक्षरों से परिचित है वो शिक्षित है। और जिसको अक्षरों का ज्ञान नहीं वो हमारे यहां अशिक्षीत है। मतलव किताबी शिक्षा होना हमारे देश में आवश्यक माना जाता है। और जो यह योग्यता नहीं रखी कदापि शिक्षित नहीं कहलाता है। वास्तव में शिक्षा का संपर्क स्कूली पठन -, पाठन से ज्यादा नहीं है आजकल शिक्षा का अर्थ कोई अच्छी सी नौकरी करना है। अथवा जो अच्छे पेशे के द्वारा जीविका अर्जन करना समझा जाता है। क्योंकि इन सभी कामो मे लिखना पढ़ना अनिवार्य होता है। इसलिए आजकल इन कामो में सफल वाले प्राचीन शिक्षा पद्धति-प्राचीन काल की शिक्षा पद्धति आज की शिक्षा पद्धति से अलग थी। आज की शिक्षा किताबो तक ही सिमित है। परन्तु प्राचीनकाल की शिक्षा किताबी ना होकर व्यवहारिक होती थी। पहले के छात्र अपना घर छोड़कर गुरुकुल के शांत माहौल में जाकर शिक्षा लेता था। साधारण सा और सिंपल जीवन यापन करना पड़ता था। कभी – कभी तो भिक्षा मॉंगकर अपने आश्रम में जाकर स्वम बनाकर खाना होता था। गुरुकुल की मर्यादा का पालन करना उनका दायित्व रहता था। गाय चराने गुरुकुल के सभी कार्य करना पड़ता था। और गुरु जी उन्हें व्यवहारिक ज्ञान देते थे। उस समय बहुत महान – महान ऋषि थे जो ये शिक्षा प्रदान करते थे। उनमे से कुछ इस प्रकार है।
नवीन शिक्षा पद्धति
शिक्षा पद्धतिहमारे देश में राष्टीय शिक्षा निति 1986 में बनाई गई थी। और 1992 में संशोधित हो गई थी। तबसे लेकर अब तक इस निति में बदलाव हुए इसकी कुछ विशेषताएं है
शिक्षा पद्धतिहमारे देश में राष्टीय शिक्षा निति 1986 में बनाई गई थी। और 1992 में संशोधित हो गई थी। तबसे लेकर अब तक इस निति में बदलाव हुए इसकी कुछ विशेषताएं है(1) बचपन की देखभाल
शिक्षा पद्धतिहमारे देश में राष्टीय शिक्षा निति 1986 में बनाई गई थी। और 1992 में संशोधित हो गई थी। तबसे लेकर अब तक इस निति में बदलाव हुए इसकी कुछ विशेषताएं है(1) बचपन की देखभाल(2) शिक्षा का अधिकार
शिक्षा पद्धतिहमारे देश में राष्टीय शिक्षा निति 1986 में बनाई गई थी। और 1992 में संशोधित हो गई थी। तबसे लेकर अब तक इस निति में बदलाव हुए इसकी कुछ विशेषताएं है(1) बचपन की देखभाल(2) शिक्षा का अधिकार(3) स्कूल परीक्षा में सुधार
शिक्षा पद्धतिहमारे देश में राष्टीय शिक्षा निति 1986 में बनाई गई थी। और 1992 में संशोधित हो गई थी। तबसे लेकर अब तक इस निति में बदलाव हुए इसकी कुछ विशेषताएं है(1) बचपन की देखभाल(2) शिक्षा का अधिकार(3) स्कूल परीक्षा में सुधार(4) शिक्षक प्र
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Answer:
राष्ट्रीय शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाने के लिए 34 वर्षों के अंतराल के बाद; जुलाई 2020 में हमारी केन्द्रीय सरकार द्वारा एक नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों की सोच और रचनात्मक क्षमता को बढ़ाकर सीखने की प्रक्रिया को और अधिक कुशल बनाना। नई शिक्षा नीति में स्कूल स्तर के साथ-साथ उच्च शिक्षा में कई बदलाव शामिल हैं। नई शिक्षा नीति पर मैंने यहाँ पर अलग अलग शब्द सीमा में आपके लिए कुछ निबंध उपलब्ध कराये हैं जो आपको इस विषय के बारे में विस्तार से समझने में मदद करेंगे।
नई शिक्षा नीति पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on New Education Policy in Hindi)
निबंध 1 (250 शब्द) - नई शिक्षा नीति: आवश्यकता और उद्देश्य
परिचय
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति मौजूदा राष्ट्रीय शिक्षा नीति के स्थान पर 29 जुलाई, 2020 को अस्तित्व में आई। शिक्षा नीति में यह बदलाव कुल 34 वर्षों के अंतराल के बाद किया गया है। लेकिन बदलाव जरूरी था और समय की जरूरत के अनुसार यह पहले ही हो जाना चाहिए था।
नई शिक्षा नीति 2020 की आवश्यकता
पहले की शिक्षा प्रणाली मूल रूप से सीखने और परिणाम देने पर केंद्रित थी। विद्यार्थियों का आकलन प्राप्त अंकों के आधार पर किया जाता था। यह विकास के लिए एक एकल दिशा वाला दृष्टिकोण था। लेकिन नई शिक्षा नीति एक बहु-विषयक दृष्टिकोण की प्रासंगिकता पर केंद्रित है। जिसका उद्देश्य विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास करना है।
नई शिक्षा नीति एक नए पाठ्यक्रम और शिक्षा की संरचना के गठन की कल्पना करती है जो छात्रों को सीखने के विभिन्न चरणों में मदद करेगी। शिक्षा को शहरी से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में सभी तक पहुंचाने के लिए मौजूदा शिक्षा प्रणाली में बदलाव किया जाना चाहिए। यह लक्ष्य 4-गुणवत्ता शिक्षा को पूरा करके स्थिरता को पूरा करने की ओर होगा।
उद्देश्य
नई शिक्षा निति का मुख्य उद्देश्य एक बच्चे को एक कुशल बनाने के साथ-साथ, जिस भी क्षेत्र में वह रुचि रखता हैं, उसी क्षेत्र में उन्हें प्रशिक्षित करना है। इस तरह, सीखने वाले अपने उद्देश्य, और अपनी क्षमताओं का पता लगाने में सक्षम होते हैं। शिक्षार्थियों को एकीकृत शिक्षण प्रदान किया जाना है यानी उन्हें प्रत्येक अनुशासन का ज्ञान होना चाहिए। उच्च शिक्षा में भी यही बात लागू होती है। नई शिक्षा नीति में शिक्षक की शिक्षा और प्रशिक्षण प्रक्रियाओं के सुधार पर भी जोर दिया गया है।
निष्कर्ष
वर्तमान शिक्षा प्रणाली वर्ष 1986 की मौजूदा शिक्षा नीति में किए गए परिवर्तनों का परिणाम है। इसे शिक्षार्थी और देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया है। नई शिक्षा नीति बच्चों के समग्र विकास पर केंद्रित है। इस नीति के तहत वर्ष 2030 तक अपने उद्देश्य को प्राप्त करने का लक्ष्य है।