Hindi, asked by ajaysingh2001maihar, 14 days ago

Shiksha samajik niyantran ka samajik Parivartan ka mahatva
purn sadhan hai vyakhya kijiye

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Answered by anshurao2710
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Explanation:

what I this I don't understand this

Answered by Annesha30
0

Answer:

शिक्षा किसी समाज में सदैव चलने वाली वह सोद्देश्य सामाजिक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मनुष्य की जन्मजात शक्तियों का विकास, उसके ज्ञान, एवं कला - कौशल में वृद्धि तथा व्यवहार में परिवर्तन किया जाता है और इस प्रकार उसे सभ्य, सुसंस्कृत एवं योग्य नागरिक बनाया जाता है। इसके द्वारा व्यक्ति एवं समाज दोनों निरन्तर विकास करते है।बलिया: स्थानीय सतीशचंद्र कालेज इग्नू अध्ययन केंद्र पर चल रही बीएड द्वितीय वर्ष की कार्यशाला में प्रगति प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए अध्ययन केंद्र के समन्वयक डा.रामशरण पाण्डेय ने कहा कि शिक्षा सामाजिक परिवर्तन का सशक्त माध्यम है। यह सामाजिक नियंत्रण का भी महत्वपूर्ण कार्य करती है। सरल समाज में संस्कृति अपेक्षाकृत स्थिर होती है तथा उसमें मंद गति से परिवर्तन होता है। इस शैक्षिक प्रकार्य के लिए निर्दिष्ट सामाजिक अभिकरण विद्यालय ही है। एक व्यवस्था के रूप में विद्यालय सामाजिक नियंत्रण के अधीन होता है। पूर्ण सत्र को संबोधित करते हुए डॉ.मान सिंह ने कहा कि मानव न्यूनाधिक रूप से संगठित समूह में रहता है। इसे ही औपचारिक रूप से समाज कहा जाता है। समाज का एक प्रमुख उद्देश्य है कि वह अपने अस्तित्व और स्थायीकरण की मूलभूत स्थितियों के लिए बच्चों को तैयार करे जिससे प्रत्येक पीढ़ी अगली पीढ़ी को अपनी सामाजिक विरासत और सांस्कृतिक परंपरा सौंपने का प्रयत्‍‌न करती है। इस प्रक्रिया को संस्कृति संचारण कहा जाता है। डॉ.संजय कुमार सरोज ने कहा कि शिक्षा एक ऐसी प्रक्रिया है जो किसी समाज का परिचायक और उसका संरक्षक है। शिक्षा ऐसी सामाजिक संस्था है जो ज्ञान कौशल एवं मूल्य आदि को सीख देते हुए एक नई सामाजिक प्रणाली निर्मित करती है। इस प्रकार शिक्षा सामाजीकरण की ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से संस्कृति का संचार होता है। डॉ.अरविंद कुमार उपाध्याय ने कहा कि समुदाय से अभिप्राय व्यक्तियों के ऐसे व्यापक समूह से है जो पर्याप्त रूप से स्पष्ट सीमाओं में अवस्थित हों और सामाजिक, आर्थिक एवं नागरिक क्रिया कलापों में एक दूसरे से इस प्रकार जुड़ा हो कि उनमें इतना एकत्व उत्पन्न हो जाय कि एक समूह के रूप में उनकी पहचान बन सके। इस अवसर पर डॉ.आरसी त्रिपाठी, डॉ.देवेंद्र सिंह, डॉ.विनोद यादव आदि मौजूद रहे।

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