Hindi, asked by dhpethkar, 1 year ago

shikshamay vishwa par jankari

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Answered by AbsorbingMan
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"अगर हम विश्व को वास्तविक शांति का पाठ पढ़ाना चाहते हैं,तो हमें शुरुआत बच्चों से करनी होगी।" -महात्मा गांधी.

“सारी शिक्षा शांति के लिए ही है". -मारिया मान्टेसरी.

विश्व शांति के लिए शिक्षा ही समाज की आधारशिला है। शिक्षा ही योग्य नागरिकों का निर्माण करती है, जिनसे समाज अथवा राष्ट्र उत्थान और सुरक्षा संभव है। शिक्षा के बिना व्यक्ति के जीवन का विकास संभव नहीं है।

अतः देश की शिक्षा व्यवस्था को जीवन अभिमुख एवं शांतिमूलक बनाना राष्ट्र की प्राथमिकता होनी चाहिए। सौभाग्य से देश में लगभग 75 लाख शिक्षक और 6 करोड़ विद्यार्थी यदि इनका उपयोग राष्ट्र निर्माण और शांति सद्भावना के लिए करते हैं तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी।

शिक्षा के जरिये दुनिया में शांति और स्थिरता कायम की जा सकती है। तंगी और बदहाली में जी रहे बच्चों के गलत रास्ते पर जाने की आशंका कहीं ज्यादा होती है। आतंकी संगठन उन्हें लालच देकर बहका सकते हैं। वे ड्रग्स और अपराध की दुनिया में जा सकते हैं। बच्चों को स्कूल भेजकर हम उन्हें ऐसा करने से रोक सकते हैं। मैं चाहती हूं कि शिक्षा हमारे विश्व शांति के मिशन का हिस्सा हो।

हम अफगानिस्तान में शांति मिशन के तहत कई तीस हजार सैनिक भेजने की बजाय तीस हजार टीचर भेजें, जो वहां के बच्चों को पढ़ाएं। शिक्षा दुनिया में क्रांति ला सकती है। अगर हम आज अपने बच्चों को पढ़ाएंगे, तो कल वे डॉक्टर बनकर सबका इलाज करेंगे, वैज्ञानिक बनकर चांद पर खोज करेंगे और शांति दूत बनकर दुनिया में अमन फैलाएंगे। शांति मिशन का मतलब दुनिया भर के देशों पर धौंस जमाना नहीं, बल्कि दुनिया को शिक्षित करना है। मैं ऐसे ही सुनहरे भविष्य का सपना देखती हूं।  


Ram086: I am happy for your answer
Answered by shinchana1019
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Answer:

the biggest example is Mahatma Gandhi

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