Hindi, asked by mahfoozaslam, 10 months ago

shikshit berojgar nibandh in hindi

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Answered by kitti6
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बेरोजगारी एक गंभीर समस्या है। शिक्षा की कमी, रोजगार के अवसरों की कमी, कौशल की कमी, प्रदर्शन संबंधी मुद्दे और बढ़ती आबादी सहित कई कारक भारत में इस समस्या को बढ़ाने में अपना योगदान देते हैं। व्यग्तिगत प्रभावों के साथ-साथ पूरे समाज पर इस समस्या के नकारात्मक नतीजे देखे जा सकते हैं। सरकार ने इस समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई तरह कदम उठाये हैं। इनमें से कुछ का उल्लेख विस्तार से इस प्रकार है।

बेरोजगारी को कम करने के लिए सरकारी पहल

स्वयं रोजगार के लिए प्रशिक्षण

1979 में शुरू किए गये इस कार्यक्रम का नाम नेशनल स्कीम ऑफ़ ट्रेनिंग ऑफ़ रूरल यूथ फॉर सेल्फ एम्प्लॉयमेंट (TRYSEM) था। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में युवाओं के बीच बेरोजगारी को कम करना है।

इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम (IRDP)

वर्ष 1 978-79 में ग्रामीण क्षेत्रों में पूर्ण रोजगार के अवसर सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने इंटीग्रेटेड रूरल डेवलपमेंट प्रोग्राम शुरू किया। इस कार्यक्रम पर 312 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे और 182 लाख परिवारों को इससे लाभ हुआ था।

विदेशी देशों में रोजगार

सरकार विदेशी कंपनियों में रोजगार पाने में लोगों की मदद करती है। अन्य देशों में लोगों के लिए काम पर रखने के लिए विशेष एजेंसियां स्थापित की गई हैं।

लघु और कुटीर उद्योग

बेरोजगारी के मुद्दे को कम करने के प्रयास में सरकार ने छोटे और कुटीर उद्योग भी विकसित किए हैं। कई लोग इस पहल के साथ अपनी जीविका अर्जित कर रहे हैं।

स्वर्ण जयंती रोजगार योजना

इस कार्यक्रम का उद्देश्य शहरी आबादी के लिए स्वयंरोजगार और मजदूरी-रोजगार के अवसर प्रदान करना है। इसमें दो योजनाएं शामिल हैं:

शहरी स्वयं रोजगार कार्यक्रम

शहरी मजदूरी रोजगार कार्यक्रम

रोजगार आश्वासन योजना

यह कार्यक्रम देश में 1752 पिछड़े वर्गों के लिए 1994 में शुरू किया गया था। ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब बेरोजगार लोगों को इस योजना के तहत 100 दिनों तक अकुशल मैनुअल काम प्रदान किया गया था।

सूखा प्रवण क्षेत्र कार्यक्रम (DPAP)

यह कार्यक्रम 13 राज्यों में शुरू किया गया और मौसमी बेरोजगारी को दूर करने के उद्देश्य से 70 सूखा-प्रवण जिलों को कवर किया गया। अपनी सातवीं योजना में सरकार ने 474 करोड़ रुपये खर्च किए।

जवाहर रोजगार योजना

अप्रैल 1989 में शुरू किए गये इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रत्येक गरीब ग्रामीण परिवार में कम से कम एक सदस्य को एक वर्ष तक पचास से सौ दिन रोजगार प्रदान करना था। व्यक्ति के आसपास के क्षेत्र में रोजगार का अवसर प्रदान किया जाता है और इन अवसरों का 30% महिलाओं के लिए आरक्षित है।

नेहरू रोज़गार योजना (NRY)

इस कार्यक्रम के तहत कुल तीन योजनाएं हैं। पहली योजना के अंतर्गत शहरी गरीबों को सूक्ष्म उद्यमों को स्थापित करने के लिए सब्सिडी दी जाती है। दूसरी योजना के अंतर्गत 10 लाख से कम की आबादी वाले शहरों में मजदूरों के लिए मजदूरी-रोजगार की व्यवस्था की जाती है। तीसरी योजना के तहत शहरों में शहरी गरीबों को अपने कौशल से मेल खाते रोजगार के अवसर दिए जाते हैं।

रोजगार गारंटी योजना

बेरोजगार लोगों को इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसे केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान आदि सहित कई राज्यों में शुरू किया गया है।

इसके अलावा बेरोजगारी को कम करने के लिए कई अन्य कार्यक्रम सरकार द्वारा शुरू किए गए हैं।

निष्कर्ष

हालांकि सरकार देश में बेरोजगारी की समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय कर रही है पर इस समस्या को सही मायनों में रोकने के लिए अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।

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