Hindi, asked by maindolaanju76, 9 months ago

shikshit varg Mein berojgari per nibandh​

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Answered by ayanshbalyan22
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श्रमिक वर्ग की बेकारी उतनी चिंत्य नहीं है जितनी शिक्षित वर्ग की । श्रमिक वर्ग श्रम के द्वारा कहीं-न-कहीं सामयिक काम पाकर अपना जीवनयापन कर लेता है ।

किंतु शिक्षित वर्ग जीविका के अभाव में शारीरिक और मानसिक दोनों व्याधियों का शिकार बनता जा रहा है । वह व्यावहारिकता से शून्य पुस्तकीय शिक्षा के उपार्जन में अपने स्वास्थ्य को तो गँवा ही देता है, साथ ही शारीरिक श्रम से विमुख हो अकर्मण्य भी बन जाता है । परंपरागत पेशे में उसे एक प्रकार की झिझक का अनुभव होता है ।

शिक्षित वर्ग की बेकारी की समस्या पर प्रकाश डालते हुए लखनऊ में आयोजित एक पत्रकार सम्मेलन में प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू ने कहा था- ”हर साल लगभग नौ-दस लाख पढ़े-लिखे लोग नौकरी के लिए तैयार हो जाते हैं, जबकि हमारे पास मौजूदा हालात में एक सैकड़े के लिए भी नौकरियाँ नहीं हैं ।”

इस कथन से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि माँग से कहीं अधिक शिक्षितों की संख्या का होना ही इस समस्या का मूल कारण है । विश्वविद्यालय, कॉलेज व स्कूल प्रतिवर्ष बुद्धिजीवी, क्लर्क और कुरसी से जूझनेवाले बाबुओं को पैदा करते जा रहे हैं । नौकरशाही तो भारत से चली ही गई, किंतु नौकरशाही की बू भारतवासियों के मस्तिष्क से नहीं गई है । लॉर्ड मैकाले के स्वप्न की नींव भारतवासियों के मस्तिष्क में गहराई तक जम गई ।

विश्वविद्यालय में उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु आया विद्यार्थी आई.ए.एस और पी.सी.एस. के नीचे तो सोचता ही नहीं । यही हाल हाई स्कूल और इंटरवालों का भी है । ये छुटभैये भी पुलिस की सब-इंस्पेक्टरी और रेलवे की नौकरियों के दरवाजे खटखटाते रहते हैं । कई व्यक्ति ऐसे हैं, जिनके यहाँ बड़े पैमाने पर खेती हो रही है । यदि वे अपनी शिक्षा का सदुपयोग वैज्ञानिक प्रणाली से खेती करने में करें तो देश की आर्थिक स्थिति ही सुधर जाए ।

कुछ भी हो, अध्ययन समाप्त करने के बाद युवकों के सिर पर जो बेरोजगारी का भूत सवार रहता है, वही उनमें असंतोष का कारण भी बनता जा रहा है । यह सत्य है कि हमारी पंचवर्षीय योजनाओं के कारण देश में रोजगार बढ़ रहे हैं, परंतु यह समुद्र में बूँद के समान है । शिक्षा और रोजगार का संबंध स्थापित करने के लिए बहुत कुछ कार्य करने की आवश्यकता है ।

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शिक्षित वर्ग की बेकारी को दूर करने के लिए वर्तमान दोषपूर्ण शिक्षा-प्रणाली में आमूल-चूल प
Answered by dilipreddy80
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