Hindi, asked by riteshchauhan1921, 11 months ago

shirshak ki sarthakta sandeh sahitya sagar

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Answered by mchatterjee
31

यह मनोविज्ञान पर आधारित एक कहानी है। यहां मनुष्य को मनोवैज्ञान के आधार पर चित्रित किया गया है।

यहां पर सब एक दूसरे पर संदेह करते हैं इसलिए कहानी का नाम संदेह रख दिया गया है।

मनोरमा और मोहन बाबू के बीज का संदेह काफी कलेह करता है।

शुरू से लेकर अंत तक में कहानी संदेह में ही घूमती है।

इसलिए संदेह शीर्षक काफी सार्थक है

Answered by kavita2251592
9

Answer:

take it bro

here it is

hope this will help you

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