Shish par ganga hasse bhujan bhujanga hasse. Has hi ko danga bhayo nanga ke vivah mai ( kavya pankti me prayukt Ras bataiya)
Athva
Vah khoon kaho kis matlab ka, jisme ubal ka naam nahi. Vah khoon kaha kis Matlab ka, aa sake desh ke kaam nahi
Answers
अथवा
2). वीर रस
सीस पर गंगा हँसे, भुजनि भुजंगा हंसें,
हास ही को दंगा भयो नंगा के विवाह में "
इन पंक्तियों में हास्य रस है
हास्य रस की परिभाषा :- जब किसी व्यक्ति या वस्तु की वेशभूषा, वाणी , चेष्ठा, आकर इत्यादि में आई विकृति को देखकर सहज हँसी आ जाए तब वह हास्य रस होता है।
इन पंक्तियों का अर्थ है : - यह भगवान शिव के विवाह का प्रसंग है। बारात में साँप लपेटे भगवान शिव के नग्न रूप को देखकर पर्वताधिराज हिमाचल की नगरी में लोग जहाँ जगह मिली वहीं से भाग निकले। इसी दृश्य का यहाँ वर्णन है | इसमें महादेव आलम्बन विभाव, उनका नंगा रूप उद्दीपन विभाव, गंगा और नागों का हँसना अनुभाव, वर को देखने को उत्सुक भीड़ का दृश्य देखकर भयभीत होना और भागना आदि संचारिभाव हैं और हास स्थायिभाव।
रस के 11 प्रहार होते हैं :-1. शृंगार रस 2. हास्य रस, 3. करूण रस 4. रौद्र रस 5. वीर रस 6. भयानक रस 7. बीभत्स रस 8. अद्भुत रस 9. शान्त रस 10. वत्सल रस 11. भक्ति रस