shishu sabha par essay
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जैसा कि हम सभी जानते है कि बच्चे देश उज्जवल भविष्य हैं। उन्हें ढ़ेर सारे प्यार और लगाव के साथ अच्छे से बढ़ावा और बर्ताव करना चाहिये। बच्चों के संदर्भ में इस प्रकार के जरुरत को पूरा करने के लिये हर वर्ष 14 नवंबर को पूरे भारत भर में बाल दिवस को मनाया जाता है। पंडित नेहरु को आदर और सम्मान देने के लिये इसे मनाया जाता है। वो भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ बच्चों के सच्चे साथी भी थे। उन्हें बच्चों से बेहद लगाव था और वो हमेशा उन्हें दिल के पास रखते थे। सामान्यत: बच्चों के द्वारा उन्हें चाचा नेहरु कहा जाता था।
भारतीय प्रधानमंत्री के रुप में अपने व्यस्त जीवन के बावजूद भी वो बच्चों से बेहद लगाव रखते थे। वो उनके साथ रहना और खेलना बहुत पसंद करे थे। चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि देने के लिये 1956 से बाल दिवस के रुप में उनके जन्मदिवस को मनाया जा रहा है। नेहरु जी कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिये ये जरुरी है कि उन्हें प्यार और देख-भाल दिया जाये जिससे वो अपने पैरों पर खड़े हो सकें। देश और बच्चों के उज्जवल भविष्य को सुरक्षित करने और किसी भी नुकसान से बचाने के लिये बाल दिवस सभी के लिये एक आह्वन स्वरुप है। हमारे देश में बच्चों को बहुत कम आय पर कड़ा श्रम करने के लिये मजबूर किया जाता है। उन्हें आधुनिक शिक्षा नहीं मिल पाती इसलिये वो पिछड़े ही रह जाते है। हमें उन्हें आगे बढ़ाने की जरुरत है जो मुमकिन है जब सभी भारतीय अपनी जिम्मेदारियों को समझें। बच्चे देश का भविष्य है तथा बहुत ही कीमती है, ये हमारे कल की उम्मीद है। बाल दिवस उत्सव उनके भविष्य के संदर्भ में एक अच्छा कदम है।
भारतीय प्रधानमंत्री के रुप में अपने व्यस्त जीवन के बावजूद भी वो बच्चों से बेहद लगाव रखते थे। वो उनके साथ रहना और खेलना बहुत पसंद करे थे। चाचा नेहरु को श्रद्धांजलि देने के लिये 1956 से बाल दिवस के रुप में उनके जन्मदिवस को मनाया जा रहा है। नेहरु जी कहते थे कि बच्चे देश का भविष्य है इसलिये ये जरुरी है कि उन्हें प्यार और देख-भाल दिया जाये जिससे वो अपने पैरों पर खड़े हो सकें। देश और बच्चों के उज्जवल भविष्य को सुरक्षित करने और किसी भी नुकसान से बचाने के लिये बाल दिवस सभी के लिये एक आह्वन स्वरुप है। हमारे देश में बच्चों को बहुत कम आय पर कड़ा श्रम करने के लिये मजबूर किया जाता है। उन्हें आधुनिक शिक्षा नहीं मिल पाती इसलिये वो पिछड़े ही रह जाते है। हमें उन्हें आगे बढ़ाने की जरुरत है जो मुमकिन है जब सभी भारतीय अपनी जिम्मेदारियों को समझें। बच्चे देश का भविष्य है तथा बहुत ही कीमती है, ये हमारे कल की उम्मीद है। बाल दिवस उत्सव उनके भविष्य के संदर्भ में एक अच्छा कदम है।
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