shlok on agni in sanskrit language with hindi meaning
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ॐ अग्निमीले पुरोहितं यज्ञस्य देवमृत्विजम्। होतारं रत्नधातमम् ॥१॥
अर्थ ☞︎︎︎
हे अग्नि स्वरूप परमात्मा, इस यज्ञ के द्वारा मैं आपकी आराधना करता हूं। स्रिष्टि के पूर्व भी आप थे और आपके अग्निरूप से ही स्रिष्टि की रचना हुई । हे अग्निरूप परमात्मा, आप सब कुछ देने वाले हैं। आप प्रत्येक समय एवं ऋतु में पूज्य हैं। आप ही अपने अग्निरूप से जगत् के सब जीवों को सब पदार्थ देने वाले हैं एवं वर्तमान और प्रलय में सबको समाहित करने वाले हैं। हे अग्निरूप परमात्मा आप ही सब उत्तम पदार्थों को धारण करने एवं कराने वाले है।
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