shlok on qutub minar in sanskrit
Answers
Answer:
संस्कृत में श्लोक नही है क़ुतुब मीनार पर ।
Explanation:
पीछे पीठ लगाकर इसे घेराबंद करते हो जो आपकी इच्छा होगी पूरी हो जाएगी।
कुतुबमीनार का निर्माण विवादपूर्ण है कुछ मानते है कि इसे विजय की मीनार के रूप में भारत में मुस्लिम शासन की शुरूआत के रूप में देखा जाता है। कुछ मानते है कि इसका निर्माण मुअज्जिन के लिए अजान देने के लिए किया गया है।
बहरहाल इस बारे में लगभग सभी एकमत है। कि यह मीनार भारत में ही नहीं बल्कि विश्व की बेहतरीन स्मारक है। दिल्ली के पहले मुस्लिम शासक कुतुबुद्धीन ऐबक ने 1200 ई. में इसके निर्माण कार्य शुरु कराया किन्तु वे केवल इसका आधार ही पूरा कर पाए थे। इनके उत्तराधिकारी अल्तमश ने इसकी तीन मंजिलें बनाई और 1368 में फिरोजशाह तुगलक ने पांचवीं और अंतिम मंजिल बनवाई थी।
ऐबक से तुगलक काल तक की वास्तुकला शैली का विकास इस मीनार में स्पष्ट झलकता है। प्रयोग की गई निर्माण सामग्री और अनुरक्षण सामग्री में भी विभेद है । 238 फीट कुतुबमीनार का आधार 17 फीट और इसका शीर्ष 9 फीट का है । मीनार को शिलालेख से सजाया गया है और इसकी चार बालकनी हैं। जिसमें अलंकृत कोष्ठक बनाए गए हैं। कुतुब परिसर के खंड़हरों में भी कुव्वत-ए-इस्लाम (इस्लाम का नूर) मस्जिद विश्व का एक भव्य मस्जिद मानी जाती है। कुतुबुद्धीन-ऐबक ने 1193 में इसका निर्माण शुरू कराया और 1197 में मस्जिद पूरी हो गई।
Answer:
कुतुब् समुच्चये अन्तर्भवति कुतुब् मिनार् अपि ।
देहल्यां स्थितम् अत्यन्तं प्रेक्षणीयं प्रमुखं च स्थानम् एतत्।
अस्य शिखरस्य निर्माणकार्यम् आरब्धवान् गुलामवंशस्य प्रथमः शासकः कुतबुद्दीन् ऐबकः।
तस्य उत्तराधिकारी इल्तुमिशः , तदनन्तरम् आगताः अल्लावुद्दीन् खिल्जिप्रभृतयः शासकाः च अधिकान् अट्टान् निर्माय तस्य भ्वनस्य औन्नत्यं वर्धितवन्तः।
कुतुबमिनार् ७२.५ मी. औन्नत्ययुतम् ।
तस्य भूतलव्यासः १४.३ मीटर्विशालः अन्तिमाट्ट्ः २.७ मीटर् -उन्नतः अस्ति