Hindi, asked by aathifa9686, 1 year ago

Shobha sindhu na ant rahi ri surdas ki rachana

Answers

Answered by nikkijha9873
2
surdas ki rachna hi
sursagar
suravli
gitavli
Answered by bhatiamona
1

सोभा सिंधु न अंत रही री की रचना |

सोभा-सिंधु न अंत रही री कविता  सूरदास द्वारा लिखी गई है |

सूरदास  जी ने कविताओं में  नंद के महल में खुशियों का माहौल है का वर्णन किया है, क्योंकि कृष्ण का यहां जन्म हुआ है |

भावार्थ ;-- आज शोभा के समुद्र का पार नहीं रहा । नन्दभवन में वह पूर्णतः भरकर अब व्रज की गलियों में उमड़ता बहता जा रहा है । कृष्ण जन्म का समाचार सुनते ही ब्रज की गलियों में अपार आनन्द का समुद्र उमड़ पड़ता है |

आज गोकुल में जाकर देखा कि घर घर दही बेचती घूम रही है ।  सूरदास जी कहते हैं कि सभी ने इसी प्रकार कहा कि यशोदा जी की कोखरूपी अथाह सागर से मेरे प्रभुरूपी इन्द्रनीलमणि उत्पन्न हुई, जिसे व्रजयुवतियों ने हृदय से लगाकर पकड़ रखा है |

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सूरदास

भ्रमर-गीत

ऊधौ मोहिं ब्रज बिसरत नाहीं।

हंस-सुता की सुंदर कगरी, अरु कुंजनि की छाँहीं।।

वै सुरभी वै बच्छ दोहिनी, खरिक दुहावन जाहीं।

ग्वाल-बाल मिलि करत कुलाहल, नाचत गहि गहि बाहीं।।

यह मथुरा कंचन की नगरी, मनि-मुक्ताहल जाहीं।

जबहिं सुरति आवति वा सुख की, जिय उमगत तन नाहीं।।

अनगन भाँति करी बहु लीला, जसुदा नंद निबाहीं।

सूरदास प्रभु रहे मौन है, यह कहि-कहि पछताहीं।। 4।। )​

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