Short Bio on "Gajanan Madhav Muktibodh" in Hindi.
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गजानन माधव मुक्तिबोध का जन्म ग्वालियर के श्योपुर में नवम्बर सन 1917 को महाराष्ट्रीयन कुलकर्णी ब्राह्मण परिवार में हुआ था । उनके पिता माधवराव अत्यन्त रोबीले एवं ईमानदार व्यक्ति थे । वहीं उनकी माता पार्वती पढ़ी-लिखी व भावुक महिला थीं ।
उन्होंने सन् 1938 में होल्कर कॉलेज से बी॰ए॰ किया था । उनके पिता उन्हें वकील बनाना चाहते थे, लेकिन उनकी रुचि अध्यापन में थी । उन्होंने सन् 1954 में वाराणसी से प्रकाशित ”हंस” पत्रिका का सम्पादन किया । वहां से ऊबकर वे नागपुर आ गये । यहीं से उनका जीवन संघर्ष प्रारम्भ हुआ । सन् 1955 में वे राजनांद गांव के दिग्विजय कॉलेज में अध्यापक हो गये ।
साहित्य सेवा करते हुए 11 सितम्बर, 1964 को मुक्तिबोध ने साहित्य जगत तथा संसार से हमेशा के लिए विदा ले ली । मुक्तिबोध एक अध्यापक, पत्रकार, विचारक, कवि, कथाकार, समीक्षक रहे । अपनी पूरी पीढ़ी में मुक्तिबोध का व्यक्तित्व विशिष्ट था ।
उनके परवर्ती लेखकों में{अज्ञेय, गिरिजाकुमार माथुर, शमशेर सिंह, धर्मवीर भारती}रूमानी संवेदना से मुक्त न हो सके । केवल मुक्तिबोध एक ऐसे कवि थे,जिनका अनुभव जगत बहुत व्यापक था,जो अपने परिवेश से बहुत गहरेभाव से जुड़े थे।
उनकी प्रगतिवादी दृष्टि, परिवेश बोध, सामाजिक चिन्तन और अनुभव वैविध्य को महत्त्व देती है । मुक्तिबोध की सबसे बड़ी शक्ति लोक-परिवेश से गहरी आसक्ति है । उनका विश्वास जन-जीवन में है ।
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