Short essay in hindi on adarsh vidyarthi
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हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे अपनी कक्षा में हर काम में प्रथम रहें, दूसरों के लिए एक आदर्श उदाहरण बने। कई छात्र अपने माता-पिता की अपेक्षाओं को पूरा करना चाहते हैं लेकिन एक आदर्श छात्र बनने के लिए उनमें दृढ़ संकल्प और कई अन्य कारकों की कमी होती है। कुछ लोग प्रयास करते हैं और असफल होते हैं पर कुछ लोग प्रयास करने में ही असफ़ल हो जाते हैं लेकिन क्या अकेले छात्रों को इस विफलता के लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए? नहीं! माता-पिता को यह समझना चाहिए कि वे अपने बच्चे के समग्र व्यक्तित्व को बदलने और जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। यह उनका कर्तव्य है कि वह अपने बच्चों को स्कूल में अच्छा करने के महत्व को समझने में उनकी सहायता करें।
कई माता-पिता अपने बच्चों को बड़े सपने दिखाते हैं और उन्हें बताते हैं कि कैसे स्कूल के दिनों में अच्छे ग्रेड लाए जाते हैं और उसके लिए कड़ी मेहनत की जाती है जो उन्हें उनकी पेशेवर और व्यक्तिगत जिंदगी में बाद में मदद करती है। हालांकि उनमें से अधिकतर अपने बच्चों को यह नहीं सिखाते हैं कि निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए कैसे कड़ी मेहनत करें और प्रेरित रहें। माता-पिता को बच्चों के साथ मिलकर काम करना चाहिए ताकि वे स्कूल में अच्छा कर सकें।
शिक्षक अपने छात्रों के व्यक्तित्व को समान रूप से सुधारने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्हें सकारात्मक रूप से प्रभावित करने और हर कदम पर उन्हें प्रोत्साहित करने के तरीके ढूंढने की आवश्यकता है।
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intro
विद्यार्थी ही किसी देश का भविष्य होते हैं। एक राष्ट्र की प्रगति का आधार उसके विद्यार्थी ही हैं। अगर विद्यार्थी आदर्शवादी होंगे तो देश का भविष्य उज्जवल होगा। आदर्श विद्यार्थी युवा पीढ़ी का पथ प्रशस्त करते हैं।
आदर्श विद्यार्थी वह नहीं है जो कक्षा में बहुत अच्छे अंक लाता है, या नये नये प्रतिमान स्थापित करता है, बल्कि वहीं विद्यार्थी आदर्श कहला सकने का अधिकारी है जो न केवल पढ़ाई में अच्छा है, मगर अच्छा इंसान भी है। जो कर्त्तव्यनिष्ठ और ईमानदार है, सत्यवादी और न्यायप्रिय है।
जो सदैव सभी की सहायता के लिये तत्पर रहता है। पढ़ाई के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी गंभीर है।
जो खेलकूद में भी रूचि रखता हो, वाद विवाद की भी योग्यता रखता हो। आदर्श विद्यार्थी में पुरस्कार जीतने के साथ साथ हदय जीतने की क्षमता होना भी जरूरी है।
आदर्श विद्यार्थी का अर्थ है- ऐसा विद्यार्थी जिसका आचरण एवं व्यवहार अन्य विद्यार्थियों के लिये उदाहरण बने। जिसका सोचने का दायरा, जिसकी सोच अपने तक सीमित न हो, जो देश विदेश के बारे में भी ज्ञान रखता हो। और जो एक अच्छा नागरिक और देश प्रेमी हो।
अच्छा विद्यार्थी ही अच्छे नागरिक का पर्याप्त हो सकता है। अच्छा विद्यार्थी आदर्श बालक बालिका वही है जो बड़ों का सम्मान करे और छोटों से स्नेह रखे। जो सभी धर्मों का सम्मान करे और समभाव रखे। अपने देश के कानून और समाज का आदर करे और आत्म उन्नति एवं राष्ट्र उन्नति में सहायक हो।