short essay on अहंकार अज्ञानता का सूचक है (not more than 100-120 words)
plzz help i need it urgently
Answers
Answer:
Explanation:
मैं' केवल 'मैं' ही सब काम करता हूँ एसा विचार अंत में अहंकार को जन्म देता है।अहंकार सर्व नाश का सूचक है। किसी विषय वस्तु का विशेष ज्ञान के अभाव में अहंकार सिर उठा ही लेता है। किसी भी विषय का जब हमें पूरा ज्ञान हो जाए तब अहंकार होता नही। वास्तव में अहंकार और अज्ञानता एक दूसरे पर आश्रित है। जहाँ अज्ञानता हो वहाँ अहंकार निवास करेगा। और अहंकार से अज्ञानता पनपती है। अज्ञानी मूर्ख अहंकार के मदान्ध में सर्वस्व खो बैठता है। इतिहास इस बात का गवाह है।
रामायण का प्रतापी रावण मूढतावश अपने अहं का त्याग न कर पाया। महाभारत का दुर्योधन भी अहंकार का ही शिकार बन कुरु वंश के समूल पतन का कारण बना। वास्तविकता से अनभिज्ञ अज्ञान के वश में आकर दोनों अहंकारी बने और नाश को प्राप्त हुए। मूढ़ता विष बराबर है। अज्ञानी ऊँचे वंश का होने पर भी, सुशिक्षित होकर भी ,जानते हुए भी ,अहंकार से घिरकर अपने पराए सबके घृणा का पात्र बन जाता है।
Answer:
अभिमान विनाश का सबसे बड़ा कारण : गुरचरण सिंहजाति पाति के नाम पर भी भेदभाव और लड़ता झगड़ता है। इसान को आपस में प्यार प्रेम से ...