Short essay on anushasan ka mahatva in hindi
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हर एक के जीवन में अनुशासन सबसे महत्पूर्ण चीज है। बिना अनुशासन के कोई भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकता है। कुछ नियमों और कायदों के साथ ये जीवन जीने का एक तरीका है। अनुशासन सब कुछ है जो हम सही समय पर सही तरीके से करते हैं। ये हमें सही राह पर ले जाता है। हम अपने रोजमर्रा के जीवन में कई प्रकार के नियमों और कायदों के द्वारा अनुशासन पर चलते हैं। इसके कई सारे उदाहरण हैं जैसे हम सुबह जल्दी उठते हैं, एक ग्लास साफ पानी पीते हैं, तरोताजा होने के लिये शौचालय जाते हैं, दाँत साफ करते हैं, स्नान करते हैं, नाश्ता करते हैं, स्कूल जाते हैं आदि सभी अनुशासन का ही एक प्रकार है|
Explanation:
जीवन में अनुशासन अत्यंत
महत्वपूर्ण है। वह जीवन में सफलता प्राप्त करने का एक मात्र साधन है। सब महान
व्यक्तियों ने एक अनुशासित और नियमित जीवन व्यतीत करा इसीलिए वे जीवन में अपना
लक्ष्य प्राप्त कर सके। नियमों का पालन करना अनुशासन का दूसरा नाम है। अपना
उद्देश्य प्राप्त करने और एक सफल व्यक्ति बनने के लिए समय की पाबन्दी भी बहुत
आवश्यक है। जो व्यक्ति ठीक समय पर उपस्थित नहीं हो सकता है वह जीवन के अन्य कार्य
कैसे ठीक समय पर पूरा कर सकता है।
शिष्टाचार भी अनुशासित जीवन का एक अंग है। वह एक सभ्य व्यक्ति का
गुण है। शिष्टाचार मानव के चरित्र को सुंदरता प्रदान करता है। समाज में शिष्टाचार
का बहुत महत्त्व है। छोटी उम्र में बच्चों को अपने से बड़े लोगों के साथ शिष्ट
व्यवहार करना सीखना चाहिए। उन्हें अपने माता पिता, अध्यापक आदि के साथ शिष्ट
व्यवहार करना चाहिए। अपने बराबर वालों और अपने से कम उम्र वालों के साथ भी सभ्य
व्यवहार करना सीखना चाहिए। शिष्टाचार मनुष्य को जीवन में उन्नति करने में सहायता
करता है। इससे मनुष्य लोगों के मन को जीतकर आसानी से आगे बढ़ सकता है। यह समाज में
प्रेम, सुख और शांति बनाये रखने और रिश्तों को दृढ़ रखने के लिए भी उत्तम है।
सब दिन एक समान नहीं होते हैं। किसी दिन सुख मिलता है और किसी दिन
दुःख। जीवन हमेशा एक जैसा नहीं होता है। सबके दिन बदलते हैं। एक अनुशासित व्यक्ति सुख
के समय घमंडी बनकर बुरा व्यवहार नहीं करता है। दुःख के समय निराश न होकर हौंसले के
साथ काम करता रहता है।