Short essay on azadi 70 yard karo qurbani in Hindi
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भारत की आज़ादी को 70 साल हो गए हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन हमें आज़ादी की लड़ाई में भाग लेने वाले वीरों को याद करना चाहिए और उनको उच्च सम्मान देना चाहिए। उन लोगों ने अपनी खुशी और आराम को त्यागकर भारत की स्वतंत्रता के लिए कार्य किया। उन्होंने अपने जीवन को भी देश के लिए बलिदान कर दिया।
अंग्रेजों को भारत से निकालने के लिए हमारे आज़ादी के सेनानियों ने बहुत कष्ट उठाये। विशेष रूप से भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरु, चंद्रशेखर आज़ाद, लाला लाजपत राय, सुभाष चन्द्र बोस, बिपिन चन्द्र पाल, बाल गंगाधर तिलक और महात्मा गाँधी ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
चन्द्र शेखर आज़ाद ने भारत के लिए 25 साल की उम्र में अपने प्राण दे दिए। उनका कहना था कि वे जीवन और मरण दोनों में 'आज़ाद' रहेंगे। सुभाष चन्द्र बोस ने आज़ाद हिन्द फौज बनाई और अंग्रेजों पर जापान की ओर से हमला करा। महिलाओं ने भी स्वतंत्रता संग्राम में भाग लिया। रानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों से युद्ध करा पर अपने जीवन काल में अंग्रेजों को झाँसी नहीं लेने दिया।
15 अगस्त 1947 मध्य रात्रि भारत को आजादी मिली। उस समय जब दुनिया सो रही थी भारत एक नए स्वतन्त्र जीवन के लिए जागृत हुआ।
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