Hindi, asked by upendar16, 9 months ago

short essay on beti bachao beti padavo in hindi​

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Answered by Priya865179
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Answered by satyavathilamps
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 2 (150 शब्द)

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ (इसका अर्थ है लड़कियों को बचाना और शिक्षित करना) योजना की शुरुआत भारतीय सरकार द्वारा 2015 के जनवरी महीने में हुई। इस योजना का मकसद भारतीय समाज में लड़कियों और महिलाओं के लिये कल्याणकारी कार्यों की कुशलता को बढ़ाने के साथ-साथ लोगों के बीच जागरुकता उत्पन्न करने के लिये भी है। इस योजना के लिये 100 करोड़ की शुरुआती पूँजी की आवश्यकता थी।

इस योजना की शुरुआत की जरुरत 2001 के सेंसस के आँकड़ों के अनुसार हुई, जिसके तहत हमारे देश में 0 से 6 साल के बीच का लिंगानुपात हर 1000 लड़कों पर 927 लड़कियों का था। इसके बाद इसमें 2011 में और गिरावट देखी गयी तथा अब आँकड़ा 1000 लड़कों पर 918 लड़कियों तक पहुँच चुका था। 2012 में यूनिसेफ द्वारा पूरे विश्वभर में 195 देशों में भारत का स्थान 41वाँ था इसी वजह से भारत में महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरुकता जरुरी हो गयी। ये योजना कन्या भ्रूण हत्या को जड़ से मिटाने के लिये लोगों से आह्वन भी करती है।

 

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 3 (200 शब्द)

देश में छोटी बच्चियों को सशक्त करने के साथ-साथ समाज में लड़कियों की  गिरती संख्या के अनुपात के मुद्दे को बताने के लिये एक उद्देश्यपूर्णं ढंग से एकराष्ट्रव्यापी योजना की शुरुआत हुई जिसका नाम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ है। हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015 को भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सफलतापूर्वक इस योजना का आरंभ हुआ। लड़कियों के प्रति लोगों की विचारधारा में सकारात्मक बदलाव लाने के साथ ही ये योजना भारतीय समाज में लड़कियों की महत्ता की ओर भी इंगित करता है। भारतीय समाज में लड़कियों के प्रति लोगों की मानसिकता बहुत क्रूर हो चुकी है। ऐसे लोगों का मानना है कि लड़कियाँ पहले परिवार के लिये बोझ होती है और फिर पति के लिये तथा ये सिर्फ लेने के लिये होती है देने के लिये नहीं।

हालाँकि ये सच नहीं है, दुनिया की आधी जनसंख्या लगभग महिलाओं की है इसलिये वो धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिये आधी जिम्मेदार होती है। लड़कियों या महिलाओं को कम महत्ता देने से धरती पर मानव समाज खतरे में पड़ सकता है क्योंकि अगर महिलाएँ नहीं तो जन्म नहीं। लगातार प्रति लड़कों पर गिरते लड़कियों का अनुपात इस मुद्दे की चिंता को साफतौर पर दिखाता है। इसलिये, उन्हें गुणवत्तापूर्णं शिक्षा प्रदान कराने के साथ, छोटी बच्ची की सुरक्षा को पक्का करना ,लड़कियों को बचाना, कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये इस योजना की शुरुआत की गयी है।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध 5 (300 शब्द)

हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015 को पीएम नरेन्द्र मोदी के द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नाम से एक सरकारी योजना की शुरुआत हुई। भारतीय समाज में लड़कियों की दयनीय दशा को देखते हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। आँकड़ों के अनुसार, 1991 में (0-6 वर्ष के उम्र के) हर 1000 लड़कों पर 945 लड़कियाँ है, जबकि 2001 में लड़कियों की संख्या 927 पर और दुबारा 2011 में इसमें गिरावट होते हुए ये 1000 लड़कों पर 918 पर आकर सिमट गयी। अगर हम सेंसस के आँकड़ों पर गौर करें तो पाएँगे कि हर दशक में लड़कियों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज हुई है। ये धरती पर जीवन की संभावनाओं के लिये भी खतरे का निशान है। अगर जल्द ही लड़कियों से जुड़े ऐसे मुद्दों को सुलझाया नहीं गया तो आने वाले दिनों में धरती बिना नारियों की हो जायेगी और तथा कोई नया जन्म नहीं होगा।

देश में लड़कियों के बुरे आँकड़ों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की। ये बेहद प्रभावकारी योजना है जिसके तहत लड़कियों की संख्या में सुधार, इनकी सुरक्षा, शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन, व्यक्तिगत और पेशेवर विकास आदि का लक्ष्य पूरे देश भर में है।  इसे सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिये एक राष्ट्रीय अभियान के द्वारा देश (केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय) के 100 चुनिंदा शहरों में इस योजना को लागू किया गया है। इसमें कुछ सकारात्मक पहलू ये है कि ये योजना लड़कियों के खिलाफ होने वाले अपराध और गलत प्रथाओं को हटाने के लिये एक बड़े कदम के रुप में साबित होगा। हम ये आशा करते हैं कि आने वाले दिनों में सामाजिक-आर्थिक कारणों की वजह से किसी भी लड़की को गर्भ में नहीं मारा जायेगा, अशिक्षित नहीं रहेंगी, असुरक्षित नहीं रहेंगी, बलात्कार नहीं होगा आदि। अत: पूरे देश में लैंगिक भेदभाव को मिटाने के द्वारा बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ योजना का लक्ष्य लड़कियों को आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह से स्वतंत्र बनाने का है।

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