Hindi, asked by amrutkartanishka2, 4 days ago

short essay on environment in Hindi language​

Answers

Answered by muhammedshamaas2008
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Answer:

पर्यावरण वास्तविक दुनिया है जिसमें पृथ्वी पर सजीव और निर्जीव प्रकार के परिवेश हैं। यह एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र को भी संदर्भित करता है। पर्यावरण में पौधे, वायु, जल, पशु, मनुष्य और अन्य जीवित चीजें मौजूद हैं। वायुमंडलीय प्रक्रिया, भू-आकृति प्रक्रिया, जल विज्ञान प्रक्रिया पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारक हैं। जैविक प्रक्रिया में जीवित जीव शामिल होते हैं। जीवित जीव पर्यावरण से दृढ़ता से जुड़े हुए हैं जिसे पारिस्थितिकी के रूप में जाना जाता है।

पर्यावरण एक प्रकृति है जो पृथ्वी पर हमारे जीवन का पोषण करती है। हम अपने जीवन में जो कुछ भी महसूस करते हैं, सांस लेते हैं और खाते हैं वह सब पर्यावरण से आता है। जैसे भूमि, पौधे, जल, वायु, सूर्य का प्रकाश, वन, भोजन, नदियां और अन्य प्राकृतिक चीजें पर्यावरण के भीतर आती हैं

Explanation:

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Answered by yashmita2008
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निबंध 1 (300 शब्द) - पर्यावरण संरक्षण पर निबंध (Essay on Conservation of Environment)

परिचय

पर्यावरण में वह सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं जो कई तरीकों से हमारी मदद करते हैं तथा चारों ओर से हमें घेरे हुए हैं। यह हमें बढ़ने तथा विकसित होने का बेहतर माध्यम देता है, यह हमें वह सब कुछ प्रदान करता है जो इस ग्रह पर जीवन यापन करने हेतु आवश्यक है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे की हमारा लालन पालन हो, हमारा जीवन बना रहे और कभी नष्ट न हो। तकनीकी आपदा के वजह से दिन प्रति दिन हम प्राकृतिक तत्व को अस्वीकार रहे हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day)

पृथ्वी पर जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखना होगा। पूरे ब्रम्हांड में बस पृथ्वी पर ही जीवन है। वर्षों से प्रत्येक वर्ष 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए तथा साथ ही पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के लिए दुनिया भर में मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस समारोह के विषय को जानने के लिए, हमारे पर्यावरण को किस प्रकार सुरक्षित रखा जाये तथा हमारे उन सभी बुरी आदतों के बारे में जानने के लिए जिससे पर्यावरण को हानि पहुंचता है, हम सभी को इस मुहिम का हिस्सा बनना चाहिए।

पर्यावरण सुरक्षा के उपाय (Method of Conservation of Environment)

धरती पर रहने वाले सभी व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे कदमों के माध्यम से हम बहुत ही आसान तरीके से पर्यावरण को सुरक्षित कर सकते हैं। हमें अपशिष्ट की मात्रा में कमी करना चाहिए तथा अपशिष्ट पदार्थ को वही फेकना चाहिए जहां उसका स्थान है। प्लास्टिक बैंग का उपयोग नही करना चाहिए तथा कुछ पुराने चीजों को फेकने के बजाय नये तरीके से उनका उपयोग करना चाहिए।

निष्कर्ष

आईए देखें कि किस प्रकार हम पुराने चीजों को दुबारा उपयोग में ला सकते हैं- जिन्हें दुबारा चार्ज किया जा सकता है उन बैटरी या अक्षय क्षारीय बैटरी का उपयोग करें, प्रतिदीप्त प्रकाश का निर्माण कर, बारिस के पानी का संरक्षण कर, पानी की अपव्यय कम कर, ऊर्जा संरक्षण कर तथा बिजली की खपत कम करके, हम पर्यावरण के वास्तविकता को बनाए रखने के मुहिम की ओर एक कदम बढ़ा सकते है।

निबंध 2 (400 शब्द) - पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay on Environmental Pollution)

परिचय

धरती पर जीवन के लालन पालन के लिए पर्यावरण प्रकृति का उपहार है। वह प्रत्येक तत्व जिसका उपयोग हम जीवित रहने के लिए करते हैं वह सभी पर्यावरण के अन्तर्गत आते हैं जैसे- हवा, पानी प्रकाश, भूमि, पेड़, जंगल और अन्य प्राकृतिक तत्व।

पर्यावरण प्रदूषण (Environment Pollution)

हमारा पर्यावरण धरती पर स्वस्थ जीवन को अस्तित्व में रखने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। फिर भी हमारा पर्यावरण दिन-प्रतिदिन मानव निर्मित तकनीक तथा आधुनिक युग के आधुनिकरण के वजह से नष्ट होता जा रहा है। इसलिए आज हम पर्यावरण प्रदूषण जैसे सबसे बड़े समस्या का सामना कर रहे हैं।

सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक तथा बौद्धिक रूप से पर्यावरण प्रदूषण हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित कर रहा है। पर्यावरण प्रदूषण वातावरण में विभिन्न प्रकार के बीमारीयों को जन्म देता है, जिसे व्यक्ति जीवन भर झेलता रहता है। यह किसी समुदाय या शहर की समस्या नहीं है बल्कि दुनिया भर की समस्या है तथा इस समस्या का समाधान किसी एक व्यक्ति के प्रयास करने से नहीं होगा। अगर इसका निवारण पूर्ण तरीके से नहीं किया गया तो एक दिन जीवन का अस्तित्व नहीं रहेगा। प्रत्येक आम नागरिक को सरकार द्वारा आयोजित पर्यावरण आन्दोलन में शामिल होना होगा।

पर्यावरण संरक्षण (Paryavaran Sanrakshan)

हम सभी को अपनी गलती में सुधार करना होगा तथा स्वार्थपरता त्याग कर पर्यावरण को प्रदूषण से सुरक्षित तथा स्वस्थ करना होगा। यह मानना कठिन है, परन्तु सत्य है की प्रत्येक व्यक्ति द्वारा उठाया गया छोटा सकारात्मक कदम बड़ा बदलाव कर सकता है तथा पर्यावरण गिरावट को रोक सकता है। वायु तथा जल प्रदूषण द्वारा विभिन्न प्रकार के रोग तथा विकार का जन्म होता है जो हमारे जीवन को खतरे में डालते हैं।

पर्यावरण प्रदूषण के प्रभाव (Effect of Environment Pollution)

आज के समय में किसी भी चीज को स्वास्थय के दृष्टी से सही नहीं कहा जा सकता, जो हम खाना-खाते हैं वह पहले से कृत्रिम उर्वरक के बुरे प्रभाव से प्रभावित होता है, जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर की रोग प्रतिरक्षा क्षमता कमजोर होती है जो की सुक्ष्म जीवों से होने वाले रोगों से लड़ने में शरीर को सहायता प्रदान करता हैं। इसलिए, हम में से कोई भी स्वस्थ और खुश होने के बाद भी कभी भी रोगग्रस्त हो सकता है। मानव जाति द्वारा शहरीकरण और औद्योगीकरण के आन्दोलन ने चिकित्सा, उद्योग तथा सामाजिक क्षेत्र को विकसित किया परन्तु प्राकृतिक परादृश्य को कंक्रीट ईमारतों तथा सड़कों में तबदील कर दिया। भोजन तथा पानी के लिए प्रकृति परादृश्यों पर हमारी निर्भरता इतनी अधिक है की हम इन संसाधनों की रक्षा किए बिना जीवित नहीं रह सकते हैं।

निष्कर्ष

शहरीकरण, औद्योगीकरण तथा हमारा प्रकृति के प्रति व्यवहार इन सब कारणों के वजह से पर्यावरण प्रदूषण विश्व की प्रमुख समस्या है तथा इसका समाधान प्रत्येक के निरंतर प्रयास से ही संभव है। हमें विश्व पर्यावरण दिवस के मुहिम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए।

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