Hindi, asked by Anonymous, 9 months ago

Short essay on jivan ki sachai se bhagta yuva in hindi​

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Answered by nitinkumar2004
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Explanation:

युवा अपने आप में विस्तृत विशेषताओं से युक्त शब्द हैं जिसका आशय जीवन वह दौर जो पूरी तरह जोश उमंग व उत्साह से परिपूर्ण होता हैं. किसी देश  समाज के भविष्य का निर्धारण आज की युवा पीढ़ी पर ही निर्भर करता हैं. एक भारतीय युवा के रूप में हमारा प्रथम दायित्व यह है कि हम अपने राष्ट्र, समाज, परिवार के प्रति अपने कर्तव्यों का सही ढंग से पालन करें. अपने ज्ञान, विवेक तथा सामर्थ्य का लाभ शेष समाज को प्रदान करें ऊर्जा से परिपूर्ण युवावस्था को वतन की बेहतरी में लगाएं.

एक युवा पर समाज तथा देश की जिम्मेदारियों का बोझ उनके कंधों पर होता हैं हमें चाहिए कि उन्हें अच्छे से निभाने का प्रयत्न करें. अपने समाज व परिवार के वृद्ध एवं आश्रितों की मदद करे. युवा पीढ़ी में न केवल जोश व उत्साह की पराकाष्टा होती हैं बल्कि उनमें नयें विचारों की सृजनात्मकता, परिवर्तन की क्षमता भी होती हैं. यदि उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन मिले तो वे देश व समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान कर सकते हैं. हमारा भारत युवाओं का देश कहलाता हैं सबसे अधिक युवा शक्ति हमारे देश में है निश्चय ही आगामी दशकों में इसके सुप रिणाम देखने को मिलेगे.

साहस, प्रतिभा और कुछ करने की ललक एक युवा की विशेषताएं होती हैं. वह सदैव प्राचीन परिपाटी से हटकर कुछ नया करने नया खोजने के लिए प्रयत्नशील रहता हैं. हमारे युवा पथ भ्रष्ट ना हो तथा देश व समाज के प्रति अपने दायित्वों को पूर्ण करने का यत्न करे. आज के दौर के युवा को आंदोलनों हडतालों के दौरान पत्थरबाजी नारे बाजी और सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाते देखकर यही कहा जा सकता है कि हमारी शिक्षा व्यवस्था में कही न कही चुक है जिसके कारण वे अपनी ही सम्पति को फूक रहे हैं.

यदि युवा अपने मन में ठान ले तो उसके लिए कुछ भी असम्भव नहीं रह जाता हैं. किसी वस्तु या सफलता की चाहत बहुत छोटी चीज हैं. उसकी पाने की जिद्द और लग्न के आगे मुशिब्ते भी बौनी पड़ जाती हैं. आज दुनिया के प्रत्येक कोने में भारतीय युवा अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं. इंजीनियरिंग तथा डॉक्टरी में युवा पीढ़ी ने विश्वभर में भारत की साख बनाई हैं, आशा है वे भविष्य में नयें नयें क्षेत्रों में देश का नाम रोशन करेंगे.

यह भी कड़वी सच्चाई है जिस तरह नौजवान पीढ़ी ज्ञान, विज्ञान, खेल में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रही है वहीं अपराध जगत में भी बड़ी संख्या में युवा शामिल हैं. चोरी, डकैती से लेकर हत्या एवं यौन अपराधों के पीछे भी युवा वर्ग अग्रणी हैं.

तकनीकी साधनों का सर्वाधिक उपयोग भी युवा ही कर रहे हैं. इनके अच्छे और बुरे दोनों तरह के प्रभावों से वह अछूता नहीं रहा हैं. आज के समय में देखे तो युवा पीढ़ी का सर्वाधिक आकर्षण इंटरनेट और सोशल मिडिया के प्रति हैं. जिसे भी देखों वो अपनी अलग ही दुनियां में व्यस्त नजर आता हैं. वास्तविक दुनियां से कटकर एक आभासी दुनियां में जीने की चाहत इन्हें वास्तविकता से दूर ले जाने के साथ ही परिवार तथा समाज में भी कई समस्याओं को जन्म दे रही हैं.

सोशल मिडिया का सदुपयोग करके युवा पीढ़ी न केवल स्वयं को अद्यतन रख सकती हैं बल्कि समाज के पीड़ि त लोगों की मदद भी कर सकती हैं. इस तरह दोनों तरह के प्रभाव युवाओं पर पड़ते हैं. वे अपने ज्ञान व विवेक के अनुसार स्वयं ही चुने कि उन्हें क्या ग्रहण करना है तथा किसका त्याग करना हैं.

दिखावे तथा फैशन की प्रवृत्ति ने भी युवाओं की जीवनशैली पर गहरी छाप छोड़ी हैं. सोशल मिडिया पर स्टेटस से लेकर महंगे कपड़े और लाइफ स्टाइल तक स्व आनन्द और पर दिखावा की प्रवृत्ति को स्पष्ट तौर पर देखा जा सकता हैं. जीवन तथा हालातों की सच्चाई से नाखबर रहने के झूठे प्रयत्नों में वह इस तरह के प्रयासों से कभी संतुष्टि एवं सुखी जीवन नहीं व्यतीत कर सकता हैं.

हमारे देश की कुल आबादी के लगभग ६५ प्रतिशत युवा है जो 35 वर्ष से कम आयु के हैं इसलिए भारत को युवा देश भी कहा जाता हैं. ये हम सभी के लिए गौरव का विषय भी हैं. हमारे मेहनती और प्रतिभाशाली युवा पीढ़ी को सही दिशा दी जाए तो ये विश्व शक्ति धुरी को परिवर्तित करने का सामर्थ्य रखते हैं. किसी भी आधुनिक क्षेत्र में भारत को श्रेष्ठ बना सकते हैं. अतः समाज को चाहिए कि वे युवाओं को सही राह दिखाएं इनमें सभी का हित निहित हैं.

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