short essay on kal karo so aaj kar
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plz mark as brainliest and thank me plz...
मनुष्य को चाहिए कि वह आज के काम को आज ही करके सोए | इससे उसे अच्छी नींद आएगी | वरना रात को भी कल के बचे हुए काम के सपने आएँगे जो उसे सोने नहीं देंगे |
मनुष्य को चाहिए कि वह आज के काम को आज ही करके सोए | इससे उसे अच्छी नींद आएगी | वरना रात को भी कल के बचे हुए काम के सपने आएँगे जो उसे सोने नहीं देंगे |
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सन्त कबीर एक महान ज्ञानी साधक और संत हुए हैं । उन्हीं का रचा हुआ एक प्रसिद्ध दोहा है कि जिसकी प्रथम पंक्ति को उपयुक्त शीर्षक बनाया गया है ।
पूरा दोहा इस प्रकार है:
काल्ह करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में परले होयगी, बहुरी करौगे कब ।
सामान्य सी लगने वाली इन दो पंक्तियों में ज्ञानी संत और साधक ने जीवन और समय के महत्त्व का – सार तत्व भर दिया है । आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए । प्रश्न उठता है कि क्यों नहीं छोड़ना चाहिए ? उत्तर यह है कि पता नहीं अगला पल प्रलय का ही पल हो ।
यदि ऐसा हुआ तो वह अधूरा या सोचा गया काम कर पाने का अवसर ही न मिल पाएगा । फिर कब करोगे ? कहा जा सकता है कि यदि कोई काम नहीं भी हो पाया, तो उससे क्या बनता-बिगड़ता है ? बस यही यह बात, वह मुद्दा या नुकता है कि जिसे ज्ञानी संत ने हमें समझाना और स्पष्ट करना चाहा है । कहा जा सकता है कि भारतीय पुर्नजन्म और मुक्ति के सिद्धान्त का समूचा तत्त्व वास्तव में इस कथन में समाया हुआ है ।
भारत में माना जाता है कि मरते समय यदि व्यक्ति का मान और आत्मा किसी प्रकार की इच्छाएं लिए रहते हैं, तभी दुबारा और किसी
पूरा दोहा इस प्रकार है:
काल्ह करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में परले होयगी, बहुरी करौगे कब ।
सामान्य सी लगने वाली इन दो पंक्तियों में ज्ञानी संत और साधक ने जीवन और समय के महत्त्व का – सार तत्व भर दिया है । आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए । प्रश्न उठता है कि क्यों नहीं छोड़ना चाहिए ? उत्तर यह है कि पता नहीं अगला पल प्रलय का ही पल हो ।
यदि ऐसा हुआ तो वह अधूरा या सोचा गया काम कर पाने का अवसर ही न मिल पाएगा । फिर कब करोगे ? कहा जा सकता है कि यदि कोई काम नहीं भी हो पाया, तो उससे क्या बनता-बिगड़ता है ? बस यही यह बात, वह मुद्दा या नुकता है कि जिसे ज्ञानी संत ने हमें समझाना और स्पष्ट करना चाहा है । कहा जा सकता है कि भारतीय पुर्नजन्म और मुक्ति के सिद्धान्त का समूचा तत्त्व वास्तव में इस कथन में समाया हुआ है ।
भारत में माना जाता है कि मरते समय यदि व्यक्ति का मान और आत्मा किसी प्रकार की इच्छाएं लिए रहते हैं, तभी दुबारा और किसी
GAGAN11111111:
thanks
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