Short Essay on 'Save Earth' in Hindi | 'Prithvi Raksha' par Nibandh (317 Words)
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पृथ्वी हमारी धरोहर है और इसकी रक्षा करना हमारा कर्त्तव्य है.पृथ्वी सभी मनुष्यों की ज़रुरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है , लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं. पृथ्वी हमारी नहीं लेकिन हम पृथ्वी के हैं. पृथ्वी हमें जल, वायु, सूर्य, चाँद, हवा, धरती, नदियाँ, हरे भरे वन और धरती के नीचे छुपी हुई खनिज सम्पदा धरोहर के रूप में हमारे सहायता के लिए प्रधान किये हैं.प्रकृति द्वारा दी गयी सभी वस्तुए सीमित है. आज दुःख इस बात की है की विवेकशील मनुष्य अपने स्वार्थ के कारन इन प्राकृतिक संसाधनों का दुरूपयोग कर रहा है. हम पृथ्वी से जो लेते है उसे वापस कर देना चाहिए. यही प्रकृति का तरीका है. आज बढ़ती जान संख्या की आवास समस्या को हल करने के लिए मनुष्य हरे भरे जंगलों को काट कर ऊँची ऊँची इमारतें बना रहे है. वृख्शों को काटने के कारन वातावरण का संतुलन बिगड़ गया और इसके कारन ग्लोबल वार्मिंग पुरे विश्व में एक बयंकर रूप के समस्या बन गया है. स्वस्थ्य पृथ्वी स्वस्थ्य निवासियों के बराबर है. इसे ध्यान में रक्खर हमें पृथ्वी की सुरक्षा करना चाहिए.
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