short essay on swami vivekananda in hindi
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स्वामी विवेकानंद
'स्वामी विवेकानंद' का जन्म 12 जनवरी 1863 में कोलकाता (कलकत्ता) में हुआ था। उनका मूल नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उनके पिता, विश्वनाथ दत्त कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक वकील थे। उनकी माता भुवनेश्वरी देवी एक ग्रहणी थीं।
वर्ष 1884 में पिता के निधन के बाद स्वामी विवेकानंद को परिवार की जिम्मेदारी संभालनी पड़ी। उन्होंने ख़राब आर्थिक हालत में खुद भूखे रहकर भी अतिथियों का सत्कार किया। 1879 में 16 साल की उम्र में उन्होंने कलकत्ता से एंट्रेंस पास करके ग्रेजुएशन की और बाद में ब्रह्म समाज में शामिल हुए। अपने गुरु से प्रेरित होकर उन्होंने सन्यासी जीवन बिताने की दीक्षा ली और स्वामी विवेकानंद के रूप में जाने गए।
स्वामी विवेकानंद ने पैदल ही पूरे भारत की यात्रा की। 1893 में शिकागो धर्म संसद में गए और 1896 तक अमेरिका में रहे। स्वामी विवेकानंद ने 9 दिसंबर 1898 को कलकत्ता के निकट गंगा नदी के किनारे बेलूर में 'रामकृष्ण मठ' की स्थापना की। उन्होंने 'रामकृष्ण मिशन' की स्थापना की। उनका निधन 04 जुलाई 1902 में हुआ।
स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएं देश की सबसे बड़ी दार्शनिक संपत्ति हैं। स्वामी विवेकानंद एक संत व भारत के सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने कई विषयों पर अपने बहुमूल्य विचार दिये हैं। स्वामी विवेकानंद ने योग, राजयोग तथा ज्ञानयोग जैसे ग्रंथों की रचना की। भारत सरकार द्वारा वर्ष 1984 में की गई घोषणा के पश्चात से, भारत में हर साल 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन 'राष्ट्रीय युवा दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
Answer:
स्वामी विवेकानंद एक महान हिन्दू संत और नेता थे, जिन्होंने रामकृष्ण मिशन और रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। हम उनके जन्मदिन पर प्रत्येक वर्ष 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस मनाते हैं। वह आध्यात्मिक विचारों वाले अद्भूत बच्चे थे। इनकी शिक्षा अनियमित थी, लेकिन इन्होंने स्कॉटिश चर्च कॉलेज से बीए की डिग्री पूरी की। श्री रामकृष्ण से मिलने के बाद इनका धार्मिक और संत का जीवन शुरु हुआ और उन्हें अपना गुरु बना लिया। इसके बाद इन्होंने वेदांत आन्दोलन का नेतृत्व किया और भारतीय हिन्दू धर्म के दर्शन से पश्चिमी देशों को परिचित कराया।