short essay on vraksha ropan in hindi
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वृक्षारोपण का मतलब पेड़ों को अधिक से अधिक रोपण करना है। पेड़ हमारे पर्यावरण का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पेड़ कई तरीकों से हमारे लिए उपयोगी हैं। वे हमें खाद्य पदार्थ, फल, दवाएं, जंगल, फूल, रंग आदि देते हैं। वे हमें ऑक्सीजन भी देते हैं और कार्बन डाइऑक्साइड लेते हैं। वे पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखते हैं। वे हमें बाढ़, सूखा, तूफान, चक्रवात इत्यादि जैसी विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से बचाते हैं लेकिन लोग पेड़ों को काटते हैं और अपने जीवन को खतरे में डाल देते हैं। पेड़ों को काटना मिट्टी को गंभीर नुकसान पहुंचाता है। यह ग्लोबल वार्मिंग का भी कारण बनता है जो निकट भविष्य में मनुष्यों को पीड़ा का गंभीर कारण बता सकता है। पेड़ हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं। इसलिए, हमें यादृच्छिक रूप से पेड़ों को काट और उपयोग नहीं करना चाहिए। इसके बजाय हमें एक स्वस्थ, खुश और बेहतर जीवन के लिए और पेड़ लगाएंगे।
वृक्षारोपण का मतलब लकड़ी का उत्पादन करने के लिए एक निश्चित या अलग-अलग क्षेत्रों में वृक्ष लगाने का मतलब है। वृक्षारोपण के महत्व को और नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। वृक्षारोपण के माध्यम से हमारा पर्यावरण ठीक से संतुलित रहता है। प्राकृतिक आपदाएं अप्रत्याशित रूप से नहीं हो सकती हैं। भोजन की हमारी मांग पूरी हो गई है। ऑक्सीजन हवा में ठीक से संतुलित है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पारिस्थितिक संतुलन मनुष्यों और जानवरों और पौधों के रख-रखाव के सुधार के लिए भी उपयुक्त रहता है। यदि पेड़ लगाए नहीं जाते हैं, तो हम पेड़ों से भोजन, ऑक्सीजन और विभिन्न प्रकार के आवश्यक तत्व नहीं प्राप्त कर सकते हैं। तो, पेड़ों और मनुष्यों के बीच घनिष्ठ संबंध है।
यदि कोई पेड़ नहीं था, तो पर्यावरण संतुलन खो गया होगा। बाढ़ और सूखे बार-बार हो सकते हैं। भूमि रेगिस्तानी जगह में बदल जाएगी। पेड़ के वृक्षारोपण के लिए बरसात का मौसम सबसे अच्छा समय है। हमें उन्हें अच्छी तरह से विकसित करने के लिए कुछ प्रभावी उपाय करना चाहिए। हमें जानवरों या अन्य चिंताओं के अनुसार उन्हें ठीक से ख्याल रखना चाहिए उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता है। हम किसी भी नर्सरी या सरकार से उपलब्ध पेड़ प्राप्त कर सकते हैं। कृषि विभाग हम वृक्षारोपण अभियान में भाग ले सकते हैं। हमें वृक्षारोपण कार्यक्रम को बेहतर आवास के लिए सफल बनाना चाहिए।
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Tree Plantation Essay in Hindi 100 Words
वृक्ष हमारे लिए कई प्रकार से लाभदायक होते हैं| जीवों द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइ-ऑक्साइड को ये जीवनदायिनी ऑक्सीजन में बदल देते हैं| इनकी पत्तियों, छालों एवं जड़ों से हम विभिन्न प्रकार की औषधियां बनाते हैं| इनसे हमें रसदार एवं स्वादिष्ट फल प्राप्त होते हैं| वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं| इनके छाया में पशु-पक्षी ही नहीं, मानव भी चैन की सांस लेते हैं| जहां वृक्ष पर्याप्त मात्रा में होते है, वहां वर्षा की मात्रा भी सही होती है| वृक्षों की कमी सूखे का कारण बनती है| वृक्षों से पर्यावरण की खूबसूरती में निखार आता है| वृक्षों से प्राप्त लकड़ियाँ भवन- निर्माण एवं फर्नीचर बनाने के काम आती है| इस तरह, मनुष्य जन्म लेने के बाद से मृत्यु तक वृक्षों एवं उनसे प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर निर्भर रहता है| कवि रविंद्रनाथ टैगोर ने पेड़-पौधों के महत्व को समझते हुए कहां है की पृथ्वी द्वारा स्वर्ग से बोलने का अथक प्रयास है ये पेड़|
Tree Plantation Essay in Hindi 200 Words
वृक्षों से होने वाले इन्ही लाभों के कारण मनुष्य ने इनकी तेजी से कटाई की है| औद्योगिक प्रगति एवं वनोंमूलन इन दोनों के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो गया है| वृक्ष पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में सहायक होते हैं| मनुष्य अपने लाभ के लिए कारखानों की संख्या में वृद्धि करता रहा, किंतु उस वृद्धि के अनुपात में उसने पेड़ों को लगाने की ओर ध्यान ही नहीं दिया, इसके विपरीत उसने जमकर उनकी कटाई की|
Tree Plantation Essay in Hindi
वृक्षारोपण पर निबंध – Tree Plantation Essay in Hindi
इसके कुपरिणामस्वरुप पृथ्वी का पर्यावरण असंतुलित हो गया है| वृक्षारोपण पर्यावरण को संतुलित कर मानव के अस्तित्व की रक्षा करने के लिए आवश्यक है| एक मेज, एक कुर्सी, एक कटोरा फल और एक वायलन; भला खुश रहने के लिए और क्या चाहिए| विश्व के महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अपने इस विचार को जिन महत्वपूर्ण चीजों से जोड़ा, उनमें से प्रत्येक चीज का पेड़ पौधों से संबंध होना इनकी उपयोगिता को दर्शाता है| अत: हमें अपने और पर्यावरण के हितेषी पेड़-पौधों के साथ मित्रवत व्यवहार करना चाहिए| उन्मूलन के कारण पिछले कुछ वर्षों में जलवायु प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो गई है| सामान्य मौसमी अभिवृत्तियों में किसी खास स्थान पर होने वाले विशिष्ट परिवर्तन को जलवायु परिवर्तन कहा जाता है| मौसम में अचानक परिवर्तन, फ़सल-चक्र का परिवर्तित होना, वनस्पतियों की प्रजातियों का लुप्त होना, तापमान में वृद्धि, हिमनदों का पिघलना तथा समुद्री जलस्तर में लगातार वृद्धि ऐसे सूचक है, जिनसे जलवायु परिवर्तन की परिघटना का पता चलता है|