short hindi moral story in 15 or 20 lines
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एक बार एक व्यक्ति, एक हाथी को रस्सी से बांध कर ले जा रहा था | एक दूसरा व्यक्ति इसे देख रहा था | उसे बढ़ा आश्चर्य हुआ की इतना बढ़ जानवर इस हलकी से रस्सी से बंधा जा रहा है दूसरे व्यक्ति ने हाथी के मालिक से पूछा ” यह कैसे संभव है की इतना बढ़ा जानवर एक हलकी सी रस्सी को नहीं तोड़ पा रहा और तुम्हरे पीछे पीछे चल रहा है|
हाथी के मालिक ने बताया जब ये हाथी छोटे होते हैं तो इन्हें रस्सी से बांध दिया जाता है उस समय यह कोशिश करते है रस्सी तोड़ने की पर उसे तोड़ नहीं पाते | बार बार कोशिश करने पर भी यह उस रस्सी को नहीं तोड़ पाते तो हाथी सोच लेते है की वह इस रस्सी को नही तोड़ सकते और बढे होने पर कोशिश करना ही छोड़ देते है .
Moral of The Story – दोस्तों हम भी ऐसी बहुत सी नकारात्मक बातें अपने दिमाग में बैठा लेते हैं की हम नहीं कर सकते | और एक ऐसी ही रस्सी से अपने को बांध लेते हैं जो सच में होती ही नहीं है |
एक चिड़िया थी वह बहुत उच उड़ती , इधर उधर चहचहाती रहती | कभी इस टहनी पर कभी उस टहनी पर फुदकती रहती |पर उस चिड़िया की एक आदत थी वह जो भी दिन में उसके साथ होता अच्छा या बुरा उतने पत्थर अपने पास पोटली में रख लेती और अकसर उन पत्थरो को पोटली से निकाल कर देखती अच्छे पत्थरो को देखकर बीते दिनों में हुई अच्छी बातो को याद करके खुश होती | और खराब पत्थरो को देखकर दुखी होती |ऐसा रोज़ करती | रोज़ पत्थर इकठा करने से उसकी पोटली दिन प्रतिदिन भारी होती जा रही थी | थोड़े दिन बाद उसे भरी पोटली के साथ उड़ने में दिक्कत होने लगी | पर उसे समझ नहीं आ रहा था की वह उठ क्यों नहीं पा रही |
कुछ समय और बीता, पोटली और भारी होती जा रही थी | अब तो उसका जमीन पर चलना भी मुश्किल हो रहा था | और एक दिन ऐसा आया की वह खाने पीने का इंतज़ाम भी नहीं कर पाती अपने लिए और अपने पत्थरो के बोझ तले मर गयी .
Moral Of the Story –
दोस्तों ऐसा ही हमारे साथ होता है जब हम पुरानी बातो की पोटली अपने साथ रखते है | अपने वर्तमान का आनंद लेने की जगह भूतकाल की बातो को ही सोचने में लगे रहते हैं | इस पल का आन्नद लीजिये |