Hindi, asked by subho8421, 10 months ago

Short hindi summary of f were adventure of toto for

Answers

Answered by HEAVENZ
1

Answer:

toto was a monkey ( you said short)

Explanation:

Answered by nandini8453
2

Answer:

The Adventure of Toto Summary In Hindi

वर्णनकर्ता के दादा ने किसी तांगेवाले से एक बन्दर खरीदा। उसने इसके लिए पाँच रुपये चुकाए। यह टोटो था। दादा ने इसे अपने निजी चिड़ियाघर में रखने के लिए खरीदा।

टोटो एक सुन्दर बन्दर था। उसकी चमकती आँखों में शरारत थी। उसके मोतियों जैसे सफेद दाँत थे। उसके हाथ सूखे हुये थे। उसकी उंगलियाँ तेज थीं। उसकी पूंछ तीसरे हाथ का काम करती थी।

वर्णनकर्ता की दादी बात का बतंगड़ बना देती थी जब उसके दादा अपने चिड़ियाघर में एक नया जानवर डालते। इसलिए टोटो को एक अनजान जगह पर रखा गया। यह एक छोटी सी अलमारी थी। यह वर्णनकर्ता के बैडरूम में खुलती थी। टोटो को एक खुटी के साथ बांध कर रखा जाता था। टोटो की शरारतें कुछ घंटों पश्चात् वर्णनकर्ता ने अपने बैडरूम में एक परिवर्तन पाया। टोटो ने दीवारों से सजावटी कागज हटा दिया था। उसने खुटी को भी खींच कर निकाल दिया था। उसने वर्णनकर्ता के स्कूल ब्लेजर को भी फाड़ दिया था। टोटो की शरारतों से दादा को चैन मिलता था।

टोटो को अब एक बड़े पिंजरे में स्थानांतरित कर दिया गया। यह नौकरों के क्वार्टर में था। वहाँ पर दादा के अन्य जानवर प्यार से रहते थे। ये एक कछुआ, दो खरगोश, एक गिलहरी, एक पालतू बकरी थे। बन्दर ने इन्हें शान्ति से सोने नहीं दिया। दादा को देहरादून छोड़ना था। उसे सहारनपुर से अपनी पेंशन लेनी थी।

दादा ने काले रंग के मोटे कपड़े का एक बड़ा थैला लिया। उसने टोटो को इसमें डाल दिया। टोटो इस थैले से अपने हाथ बाहर नहीं निकाल सका। यह उसके लिए इतना मजबूत था कि वह दाँत से इसे काट नहीं सकता था। टोटो सहारनपुर तक इस थैले में रहा। दादा रेलवे स्टेशन से बाहर आ रहा था। टोटो ने गेट पर टिकट-क्लैक्टर की तरफ दाँत निकाले। टिकट-क्लैक्टर हैरान रह गया। उसने दादा को बताया कि उसके पास एक कुत्ता है। इसलिए उसे इस ‘कुत्ते’ का तीन रुपये किराया देना होगा। बेकार में दादा ने बहस की कि टोटो कुत्ता नहीं था। उसके पास उसका पालतू कछुआ भी था। इसलिए उसने टिकट-क्लैक्टर से पूछा कि उसे उसके लिए कितने पैसे देने होंगे। टिकट-क्लैक्टर ने कहा कि यह कुत्ता नहीं है। इसलिए उसके लिए उसे कुछ नहीं देना होगा।

आखिरकार टोटो को घर में स्वीकारा गया। दादा ने टोटो को घुड़साल में एक आरामदायक जगह दे दी। वहाँ पर टोटो को परिवार की गधी नाना एक साथी के रूप में मिल गई। परन्तु टोटो ने उसे तंग करना जारी रखा। वे कभी मित्र नहीं बन सके।

सर्दियों में दादा ने टोटो को गर्म पानी का एक बड़ा (कटोरा नुमा) बर्तन दिया। यह उसके नहाने के लिए था। टोटो इस बर्तन में बैठ जाता। फिर वह अपने शरीर पर साबुन लगाता और पूरे शरीर पर रगड़ता। जब पानी ठण्डा हो जाता तो वह इसमें से बाहर आ जाता। तब वह रसोई की आग के पास चला जाता। वहाँ वह अपने आप को गर्म करता। यदि कोई उस पर हँसता तो वह नहाने से मना कर देता।

टोटो ने लगभग अपने आप को जीवित उबाल लिया

एक बार टोटो ने स्वयं को लगभग जीवित उबाल लिया। आग पर रसोई की एक बड़ी केतली थी। यह चाय उबालने के लिए थी। टोटो ने ढक्कन हटाने का निर्णय किया। उसने नहाने के लिए पानी गर्म पाया। वह अन्दर गया। तभी पानी उबलने लगा। टोटो ने स्वयं को थोड़ा सा ऊपर उठाया। परन्तु वह फिर बैठ गया। उसने कूदना जारी रखा। दादी वहाँ आई। उसने उसे केतली से बाहर निकाल दिया।

टोटो हमेशा शरारतें करता रहता। वह वस्तुओं के चिथड़े कर देता। उसने वर्णनकर्ता की चाची के कपड़े फाड़ डाले। एक दिन वर्णनकर्ता ने टोटो को खाने की मेज़ पर चावल खाते देख लिया। दादी चिल्लाई। टोटो ने उस पर प्लेट फेंक दी। लेखक की एक चाची आगे दौड़ी। टोटो ने उसके चेहरे पर पानी का एक गिलास फेंक दिया। जब दादा आया तो टोटो हाथ में पुलाव की प्लेट के साथ बाहर दौड़ गया। वह कटहल के वृक्ष की टहनियों पर चढ़ गया। उसने प्लेट दादी पर फेंक दी जब वह उस पर चिल्लाई।

टोटो ने परिवार को काफी हानि पहुँचाई। प्लेटें तोड़ दी गई। कपड़े, परदे, दीवारों के सजाने के कागज फाड़ दिए गए। परिवार यह सब कुछ सहन नहीं कर सका। इसलिए दादा ने केवल तीन रुपये में टोटो को तांगा चालक के पास वापस बेच दिया।

.

Similar questions