Hindi, asked by Prableen1818, 10 months ago

short paragraph on bhukamp ka drishya in hindi .
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Answers

Answered by sayyedmohammedayaz
5

Answer:

there was a lesson on bhukamp in nepal at 8th std

Explanation:

नेपाल में बुधवार को रिक्टर पैमाने पर 5.2 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके महसूस किए गए. किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. यह भूकंप साल 2015 में आए प्रलयकारी भूकंप के चार साल पूरा होने के ठीक एक दिन पहले आया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, नेशनल इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर ने ट्वीट कर जानकारी दी कि राजधानी की सीमा से लगे धादिंग में सुबह 6.29 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए. सुबह के भूकंप के बाद उसी जिले में 4.3 की तीव्रता के फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. वहीं जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया, हालांकि इसमें अभी तक किसी जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है.

अरुणाचल प्रदेश में करीब 1.45 मिनट पर भूकंप आया. बता दें कि अरुणाचल प्रदेश में करीब 1.2 मिलिनय लोग रहते हैं. तिब्बत के इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.

चीन के भूकंप नेटवर्क केंद्र ने कहा कि रिक्टर पैमाने पर 6.3 तीव्रता का भूकंप तिब्बत के मेदोग काउंटी में तड़के 4.15 बजे 10 किलोमीटर की गहराई पर आया. नेपाल में 25 अप्रैल, 2015 को बड़े पैमाने पर भूकंप ने तबाही मचाया था, जिसमें लगभग 9,000 लोग मारे गए थे और पांच लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए थे.

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Answered by braham1234
4

Answer:

धरती के अचानक हिलने की घटना भूकंप कहलती है । जब पृथवि के आंतरिक गर्म पदार्थों के कारण हलचल उत्पन्न होती है तो भूकंप की स्थिति उत्पन्न होती है । कभी भूकंप हल्की तो कभी भारी तीव्रता का होता है । कम तीव्रता वाला भूकंप आने पर क्षेत्र-विशेष में धरती केवल हिलती महसूस होती है लेकिन इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता । अधिक तीव्रता वाला भूकंप कभी-कभी भारी क्षति पहुँचाता है । कच्चे और कमजोर मकान ढह जाते हैं, चल-अचल संपत्ति का भारी नुकसान होता है । सैकड़ों मनुष्य मकान के मलबे में दबकर मर जाते हैं । हजारों घायल हो जाते हैं । लोग बेघर-बार होकर अस्थायी निवास में रहने के लिए विवश होते हैं । परिस्थितियों के सामान्य बनाने में कई महीने या कई वर्ष लग जाते हैं । भूकंप को रोका नहीं जा सकता परंतु सावधानियाँ बरतने से इससे होने वाली क्षति जरूर कम की जा सकती है । इससे बचाव के लिए भूकंपरोधी भवनों का निर्माण करना चाहिए । भूकंप आने पर घबराना नहीं चाहिए बल्कि आवश्यक सावधानियाँ बरतनी चाहिए । भूकंप एक प्राकृतिक आपदा है, इसका मिल-जुलकर मुकाबला करना चाहिए ।

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