Short paragraph on unemployment in hindi
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जो लोग काम करना चाहते हैं और ईमानदारी से नौकरी की तलाश कर रहे हैं लेकिन किसी कारणवश उन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है उन्हें बेरोजगार कहा जाता है। इसमें उन लोगों को शामिल नहीं किया जाता है जो स्वेच्छा से बेरोजगार हैं और जो कुछ शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य समस्या के कारण नौकरी करने में असमर्थ हैं।
ऐसे कई कारक हैं जो देश में बेरोजगारी की समस्या का कारण बनते हैं। इसमें मुख्य है:
मंदा औद्योगिक विकास
जनसंख्या में तीव्र वृद्धि
सैद्धांतिक शिक्षा पर केंद्रित रहना
कुटीर उद्योग में गिरावट
कृषि मजदूरों के लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसरों की कमी
तकनीकी उन्नति न होना
बेरोजगारी केवल व्यक्तियों को ही प्रभावित नहीं करती बल्कि देश के विकास की दर को भी प्रभावित करती है। इसका देश के सामाजिक और आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेरोजगारी के कुछ परिणाम यहां दिए गए हैं:
अपराध दर में वृद्धि
रहन-सहन का खराब मानक
कौशल और हुनर का नुकसान
राजनैतिक अस्थिरता
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे
धीमा आर्थिक विकास
हैरानी की बात यह है कि समाज में नकारात्मक नतीजों के बावजूद बेरोजगारी भारत में सबसे ज्यादा अनदेखी समस्याओं में से एक है। सरकार ने समस्या को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं; हालांकि ये कदम पर्याप्त प्रभावी नहीं हैं। सरकार के लिए इस समस्या को नियंत्रित करने हेतु कार्यक्रमों को शुरू करना ही काफी नहीं है बल्कि उनकी प्रभावशीलता पर भी ध्यान देना ज़रूरी है और यदि आवश्यकता पड़े तो उन्हें संशोधित करने का कदम भी उठाना चाहिए।
Hope it will help you
Thank you
@Pragya
ऐसे कई कारक हैं जो देश में बेरोजगारी की समस्या का कारण बनते हैं। इसमें मुख्य है:
मंदा औद्योगिक विकास
जनसंख्या में तीव्र वृद्धि
सैद्धांतिक शिक्षा पर केंद्रित रहना
कुटीर उद्योग में गिरावट
कृषि मजदूरों के लिए वैकल्पिक रोजगार के अवसरों की कमी
तकनीकी उन्नति न होना
बेरोजगारी केवल व्यक्तियों को ही प्रभावित नहीं करती बल्कि देश के विकास की दर को भी प्रभावित करती है। इसका देश के सामाजिक और आर्थिक विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बेरोजगारी के कुछ परिणाम यहां दिए गए हैं:
अपराध दर में वृद्धि
रहन-सहन का खराब मानक
कौशल और हुनर का नुकसान
राजनैतिक अस्थिरता
मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे
धीमा आर्थिक विकास
हैरानी की बात यह है कि समाज में नकारात्मक नतीजों के बावजूद बेरोजगारी भारत में सबसे ज्यादा अनदेखी समस्याओं में से एक है। सरकार ने समस्या को नियंत्रित करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं; हालांकि ये कदम पर्याप्त प्रभावी नहीं हैं। सरकार के लिए इस समस्या को नियंत्रित करने हेतु कार्यक्रमों को शुरू करना ही काफी नहीं है बल्कि उनकी प्रभावशीलता पर भी ध्यान देना ज़रूरी है और यदि आवश्यकता पड़े तो उन्हें संशोधित करने का कदम भी उठाना चाहिए।
Hope it will help you
Thank you
@Pragya
drashti9:
Can u write it of about 80-100 words??
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i hope it help you ☺️☺️☺️☺️☺️
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