short paragraph on use of mobiles in lockdown in hindi.
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इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसोसिएशन( India Cellular and Electronics Association)का कहना है कि देश भर में इस समय ढाई करोड़ से भी ज्यादा लोगों के मोबाइल फोन खराब हो चुके हैं। दुकानें बंद रहने की वजह से वे इसकी मरम्मत नहीं करा पा रहे हैं।
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सांकेतिक तस्वीर
हाइलाइट्स:
देश में जारी लॉकडाउन का दौर अगर खत्म नहीं हुआ तो मोबाइल फोन इंडस्ट्री को बड़ा नुकसान होगा
मई अंत तक करीब 4 करोड़ लोगों के पास मोबाइल फोन नहीं रहेगा, मरम्मत की दुकानें चल रहीं बंद
अभी तक करीब ढाई करोड़ लोगों के हैंडसेट खराब हो चुके हैं पर वे उनकी रिपेयरिंग नहीं करवा पा रहे
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नई दिल्ली
देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown in india) से जुड़ी पाबंदियां यदि नहीं हटाई जाती हैं तो मोबाइल खराब होने या टूट जाने की वजह से करीब चार करोड़ लोग मई के अंत तक बिना मोबाइल हैंडसेट (Mobile phone) के रह हो जाएंगे। मोबाइल उद्योग के संगठन आईसीईए (ICEA) ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया। इंडिया सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स ऐसोसिएशन (आईसीईए) का अनुमान है कि इस समय करीब ढाई करोड़ से अधिक मोबाइल हैंडसेट काम नहीं कर रहे हैं क्योंकि मरम्मत का सामान और सवाओं की दुकानें बंद हैं।
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महिंद्रू ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सरकार में कई लोगों से संपर्क कर मोबाइल फोन को अनिवार्य वस्तु और सेवा के दायरे में लाने को कहा है। उन्होंने कहा कि यदि बंद जारी रहता है तो मई के अंत तक यह संख्या बढ़कर चार करोड़ हो जाएगी। उन्होंने कहा कि देश में मोबाइल फोन की ऑनलाइन बिक्री खोलना अहम है जबकि चरणबद्ध तरीके से इसकी खुदरा दुकानों और सर्विस सेंटरों को भी खोलना चाहिए। कोरोना वायरस को रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से तीन मई तक बंद किया गया है। इस दौरान सिर्फ अनिवार्य वस्तुओं और सेवाओं की आपूर्ति ही चालू है। दूरसंचार, इंटरनेट, प्रसारण और सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं को चालू रखने की अनुमति है, लेकिन मोबाइल फोन की बिक्री नहीं।