Short poem on mangal pandey
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Answer:
A short poem on Mangal Pandey
Mangal Pandey, the ever-rising star from the Indian soil
The warrior, who first fought against the British
The leader, who united the sepoys
The rebellion, who rebelled against the Britishers
The sepoy who made the enemies run for their life
The visionary, who fought for freedom, the freedom from yesterday and freedom for tomorrow
The hero of modern India, who scripted the independence movement
The fearless man, who knew no fear
The martyr, who gave his life for his country.
Answer:
*मंगल पांडे पर मेरी कविता*
मंगल पांडे सन 1857 की क्रांति के पहले बहादुर और सशक्त क्रांतिकारी थे।।।
जिसने अपने दम और खम से ब्रिटिश हुकूमत को हिला दिया।।।
आजादी के दीवाने मंगल पांडे ने अपना बलिदान दिया,,,,,,,।।
आज हमने मंगल पांडे की वीर गाथा को याद किया,,,
फिरंगी को मारो जिसने हिन्दुस्तान को नारा था दिया,,,,,,,,।।।।
हर भारतवासी के सीने में देश भक्ति जगा दिया।।।
स्वतंत्रता की ख़ातिर कितने ही गोरो का सीना छलनी कर दिया।।।
मातृभूमि की आन बान और शान में अपना लहू बहा दिया।।। ।
ऐसे वीर सपूत को हम युगों युगों तक नमन करेंगे,,,,,,,।।
जिसने अपने बल पर हमें पराधीनता से मुक्त कर दिया।।।।।।।।।
क्रांतिकारी वीर पुत्र मंगल पांडे ने 1857 में ऐसी चिंगारी भड़कायी थी,,,,
जिसने दिल्ली से लेकर लंदन तक अंग्रेजी हुकूमत को हिलाई थी।।।।
चर्बी वाले कारतूसों का जिसने जमकर विरोध किया,,,,,,.।।।
जो आये धर्म के बीच ऐसे गद्दारों का उसने खात्मा किया।।।।।।।
मंगल पांडे था नाम जिसका उसने सब अंग्रेजो की धूल चटा दिया,,,,,,।।
वतनपरस्ती की तमन्ना हर भारतीय के दिल मे जगा दिया।।।।।
मंगल पांडे का सम्मान इतना बैरकपुर गाँव ने किया,,,,,।।।
जब सुनाई फाँसी अंग्रेजो ने तब एक भी जल्लाद ने अंग्रेजो का साथ न दिया।।। ।।।।।।
जिसने अंग्रेजो को अपनी सिंह भरी आवाज से ललकारा था।।।।
उसी मंगल पांडे को कलकत्ता के चार जल्लादों ने 8 अप्रैल को फाँसी दिया था।.।।।
Explanation:
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