Hindi, asked by dhapolanaveen7, 1 month ago

Short poems on
आजादी का अमरित महोत्सव
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Answered by musicshikha83
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Answer:

लाल रक्त से धरा नहाई, श्वेत नभ पर लालिमा छायी, आजादी के नव उद्घोष पे, सबने वीरो की गाथा गायी, गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की, ध्वनि चारो और है छायी, भगत , राजगुरु और , सुखदेव की क़ुरबानी से आँखे भर आई || ऐ भारत माता तुझसे अनोखी, और अद्भुत माँ न हमने पाय , हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की, एक एक बूँद समायी .

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