Short poems on
आजादी का अमरित महोत्सव
Please tell me fast
Answers
Answered by
1
Answer:
लाल रक्त से धरा नहाई, श्वेत नभ पर लालिमा छायी, आजादी के नव उद्घोष पे, सबने वीरो की गाथा गायी, गाँधी ,नेहरु ,पटेल , सुभाष की, ध्वनि चारो और है छायी, भगत , राजगुरु और , सुखदेव की क़ुरबानी से आँखे भर आई || ऐ भारत माता तुझसे अनोखी, और अद्भुत माँ न हमने पाय , हमारे रगों में तेरे क़र्ज़ की, एक एक बूँद समायी .
Similar questions