short report writing in Marathi on pulwama attack
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2018 में कश्मीर में आतंकियों ने स्नाइपर्स और शॉर्प शूटर के जरिए सुरक्षा बलों को निशाना बनाने का ट्रेंड शुरू किया था। इससे निपटने के लिए सेना और सुरक्षा बलों को नए सिरे से रणनीनति बनानी पड़ रही थी। अब पुलवामा में कार में आईईडी ब्लास्ट (वीबीआईईडी) ने सुरक्षा बलों की चिंता और बढ़ा दी है। सुरक्षा बलों और इंटेलिजेंस रिपोर्ट में ऐसी आशंका है कि भविष्य में ऐसे और हमले किए जा सकते हैं।
सूत्रों का कहना है, बम बनानेवाले एक कार के स्थान पर कई गाड़ियों में विस्फोटक भरने की रणनीति पर काम करते हैं। यह प्रक्रिया काफी लंबी होती है और इसमें बहुत वक्त लगता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान लौटने से पहले ऐसी 4-5 गाड़ियों में विस्फोटक भरकर एलओसी की और लौटने का काम किया गया होगा।
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इस खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा बलों ने आईईडी विशेषज्ञों की धर-पकड़ शुरू कर दी है। जेईएम कमांडर और अफगान युद्ध में बड़ी भूमिका निभानेवाले आतंकी अब्दुल रशीद गाजी इस लिस्ट में टॉप पर है। सुरक्षा बल विस्फोटक जमा करने और इन्हें रखने के संभावित ठिकानों पर भी छापे मार रही है। एक सूत्र ने बताया, ऐसे ठिकानों और विस्फोटक ब्लास्ट से निपटने के लिए भविष्य में बहुत जल्द एक अडवाइजरी जारी करेगी।
इंटेलिजेंस अधिकारियों के अनुसार, वीबीआईईडी अब आतंकियों के बीच सबसे अधिक लोकप्रिय हो रहा तरीका है। इस ब्लास्ट के कारण होनेवाली क्षति बहुत बड़ी होती है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ऐसे अटैक में गाड़ियों के पुर्जे भी विस्फोटक को मदद देने का काम करते हैं। गाड़ी में मौजूद पेट्रोल और डीजल विस्फोट की तीव्रता बहुत अधिक बढ़ा देता है।
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क्या है वीबीआईईडी और कैसे होता है यह ब्लास्ट
इंटेलिजेंस अधिकारियों का यह भी कहना है कि गाड़ियों में होनेवाले आईईडी ब्लास्ट अचानक किया जानेवाला हमला नहीं है। इसके लिए पूर्व में काफी तैयारी करनी होती है और बहुत अधिक विशेषज्ञता भी चाहिए। एक अधिकारी ने बताया, 'आईईडी ब्लास्ट से पहले विभिन्न कलपुर्जों को जमा करना होता है और इसके लिए बहुत अधिक मात्रा में विस्फोटक की जरूरत होती है।'