short summary ch 4 supplementary claas 7 in hindi
Answers
Answer: aata jaata hai nahi chale aate hai mooh utha ke
Explanation: bhag yaha se ek raipthe me dharti chat ta firega ja raha hai ya nahi yaha se
Tiger In The House Summary In Hindi
एक दिन लेखक के दादा जंगल के रास्ते में चहलकदमी कर रहे थे। उनके दल के लोग दूर थे। उन्हें एक छोटा सा बाघ मिला और उसे घर ले आये। उस शिकारी दल में दादा अकेले सफल सदस्य थे। बाघ के उस बच्चे का नाम लेखक की दादी ने टिमोथी रखा। उन्होंने उसे बोतल से दूध पिलाकर पाला। बाद में उसे बकरे का कच्चा गोश्त और मछली के तेल की खुराक दी गयी। इसके बाद उसे कबूतरों और खरगोशों का भोजन भी दिया गया।
टोटो नामक बन्दर, बाघ के बच्चे की पूंछ को खींचा करता था। जब टिमोथी को गुस्सा आता तब टोटो परदे पर चढ़ जाया करता था। वह और दोगली नसल का एक पिल्ला, टिमोथी के साथी थे। जब लेखक दादा के पास रहने के लिए आया तो वह बाघ के प्रियों में बन गया। प्रारम्भ में टिमोथी, पिल्ले से डरता था परन्तु बाद में उसे उस (टिमोथी) की पीठ पर रेंगने और विश्राम करने दिया जाता था। अपने खेल के साथियों का पीछा करना, टिमोथी का मनचाहा मनोविनोद था। वह लेखक के पैरों के ऊपर भी जोर से प्रहार करता था। वह उसके टखनों को काटने का बहाना करता था।कुछ समय के पश्चात् वह पूरे आकार का हो गया। कई बार वह अपनी जंजीर को तेज झटका मारता था। लेखक बड़ी मुश्किल से उसे संभाल पाता था। वह ड्राइंग-रूम में एक लम्बे सोफे के ऊपर सोया करता था। वह सभी के ऊपर गुर्राता था। उसकी आदतें बड़ी साफ थीं। बिल्ली की तरह वह अपने चेहरे को अपने पंजों से रगड़ता था। वह रसोइया के क्वार्टरों में सोया करता था। प्रातः काल, सैर पर ले जाया जाना, उसे पसन्द था। छह महीने की आयु हो जाने पर वह उतना मैत्रीपूर्ण नहीं रहा। उसने छोटे-छोटे पशुओं को खाना भी प्रारम्भ कर दिया।
उसमें एक बदलाव आ गया। वह कम मैत्रीपूर्ण, असल में अधिक खतरनाक हो गया। तब दादा, उसे लखनऊ ले गए। टिमोथी और दादा ने फर्स्ट क्लास के एक डिब्बे में यात्रा की। लखनऊ में दादा ने चिड़ियाघर के लिए उसे भेंट कर दिया। छ: महीने बीत जाने पर दादा, टिमोथी को देखने गए। उन्होंने बाघ के सिर को थपथपाया, उसके कानों को सहलाया और उसके मुँह पर आहिस्ता से हथेली से प्रहार किया। बाघ ने दादा के हाथों को चाटा। वह केवल तभी उछल कर दूर पहुँच जाता था जब कभी, अगले पिंजरे में रहने वाला एक तेंदुआ उसके ऊपर गुर्राता था। बहुत से लोगों ने वह दृश्य देखा। चिड़ियाघर के एक नौकर ने बाघ को बदमिज़ाज़ कहा। उसे बाघ के स्वामी के बारे में ज्ञात नहीं था। दादा चाहते थे कि बाघ को किसी दूसरे पिंजरे में स्थानान्तरित कर दिया जाए। बगल के पिंजरे का तेंदुआ लगातार उस (टिमोथी) की तरफ दौड़ता था। परन्तु उनकी अधीक्षक से मुलाकात नहीं हो पाईl
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