Short summary of ram lakshman pashuram swand in hindi
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राम, लक्ष्मण और परशुराम संवाद
राम:- हे नाथ! शिव जी के धनुष को तोड़ने वाला आपका कोई एक दास ही होगा क्या आज्ञा है मुझसे क्यों नहीं कहते?
परशुराम:- सेवक वह होता है जो सेवा करें, शत्रु को काम करके तो लड़ाई ही करनी चाहिए हे राम ! सुनो, जिसने शिव जी के धनुष को तोड़ा है वह सहस्त्रबाहु के समान मेरा शत्रु है। वह इस समाज को छोड़ कर अलग हो जाए नहीं तो सभी राजा मारे जाएंगे।
लक्ष्मण:- बचपन में हमने बहुत सी धनुषों को तोड़ा है, किंतु आपने ऐसा क्रोध कभी नहीं किया। इसी धनुष पर इतनी ममता किस कारण से हैं?
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