Shri Shiksha ka mahatva Vishay par nibandh likhiye Hindi mein
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जीवन में शिक्षा का बहुत महत्व है। इसके बिना इंसान पशु के बराबर है। शिक्षा के द्वारा ही मनुष्य की आंतरिक शक्तियों का विकास होता है। इस पर एक कहावत बहुत प्रसिद्ध है –
“गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय।
बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय”
अर्थात यदि गुरू और गोबिंद (भगवान) एक साथ खड़े हों तो किसे प्रणाम करना चाहिए – गुरू को अथवा गोबिन्द को? ऐसी स्तिथि में गुरु को पहले प्रणाम करना चाहिये क्यूंकि उसने ही गोविन्द (भगवान) का ज्ञान हमें सिखया है। यदि गुरु न हो तो व्यक्ति भगवान को पहचान नही पायेगा।
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