Hindi, asked by virat3631, 1 year ago

Shringar Ras ki paribhasha

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Answered by Anonymous
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इसका स्थाई भाव रति होता है नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस कि अवस्था में पहुँच जाता है तो वह श्रंगार रस कहलाता है इसके अंतर्गत सौन्दर्य, प्रकृति, सुन्दर वन, वसंत ऋतु, पक्षियों का चहचहाना आदि के बारे में वर्णन किया जाता है

virat3631: thanks
Answered by ItZzMissKhushi
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Answer:

श्रृंगार रस – Shringar Ras अर्थ–नायक और नायिका के मन में संस्कार रूप में स्थित रति या प्रेम जब रस की अवस्था को पहुँचकर आस्वादन के योग्य हो जाता है तो वह 'श्रृंगार रस' कहलाता है। स्थायी भाव–रति। आलम्बन विभाव–नायक और नायिका।

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