Siddh Kijiye Bhushan Veer ras ke kavi he
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भूषण वीर रस के कवि है यह निम्न प्रकार से सिद्ध किया गया है।
- रीति काल में सभी कवि श्रृंगार रस में रचनाएं लिख रहे थे, उस समय भूषण कवि ने वीर रस की रचनाओं को प्राथमिकता दी। इस कारण उनकी रचनाएं सबसे अलग लगती है।
- उनकी कविताएं इतिहास से संबंधित है। उन्होंने अपनी रचनाओं में देश की संस्कृति व गौरव का गान किया है।
- वे वीर रस के श्रेष्ठ कवियों में से एक थे।
- चित्रकूट के राजा रुद्रसाह के पुत्र हृदय राम ने उन्हें " भूषण " की उपाधि दी।
- उनके प्रमुख ग्रंथ है शिवराज भूषण, शिवा बावनी, छत्रसाल दशक , भूषण उल्लास , भूषण हजारा आदि।
- छत्रसाल दशक में भूषण ने छत्रसाल बुंदेला के पराक्रम व दान शीलता का वर्णन किया है।
- शिवा बावनी में छत्रपति शिवानी महाराज के गुणों की व्याख्या की है। इस ग्रंथ में 52 कविताएं है।
- शिवराज भूषण में 385 कविताएं है। सभी कविताएं वीररस की है।
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