Hindi, asked by yashkumar76624, 10 months ago

Sikhate ka pad parichay

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Answered by thekinjal
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Answer:

जैसे हम अपना परिचय देते हैं, ठीक उसी प्रकार एक वाक्य में जितने शब्द होते हैं, उनका भी परिचय हुआ करता है। वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक सार्थक शब्द को पद कहते है तथा उन शब्दों के व्याकरणिक परिचय को पद-परिचय, पद-व्याख्या या पदान्वय कहते है।

व्याकरणिक परिचय से तात्पर्य है - वाक्य में उस पद की स्थिति बताना, उसका लिंग, वचन, कारक तथा अन्य पदों के साथ संबंध बताना।

जैसे -

राजेश ने रमेश को पुस्तक दी।

राजेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, ‘ने’के साथ कर्ता कारक, द्विकर्मक क्रिया ‘दी’के साथ।

रमेश = संज्ञा, व्यक्तिवाचक, पुल्लिंग, एकवचन, कर्म कारक।

पुस्तक = संज्ञा, जातिवाचक, स्त्रीलिंग, एकवचन, कर्मकारक।

पद पाँच प्रकार के होते हैं –

संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया तथा अव्यय।

.पद परिचय कैसे पहचानते है? -

सबसे पहले आपको संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण, अवधारक (निपात), संबंधबोधक, समुच्चयबोधक, विस्मयादिबोधक आदि के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

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