sikkim pe paragraph in hindi
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Explanation:
सिक्किम हिमालय की आंतरिक पर्वत श्रृंखला का एक हिस्सा है और यह भारत के सबसे छोटे राज्यों में से एक है. ... यह पर्यटकों का काफी पसंदीदा स्थान है क्योंकि यहां पर सुंदर पहाड़, गहरी घाटियां और जैव विविधता है. सिक्किम का सबसे बड़ा शहर और राजधानी गंगटोक है. यह शिवालिक की पहाड़ियों पर लगभग 5500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है.
Explanation:
सिक्किम भारत का एक पहाड़ी राज्य है। अँगूठे के आकार वाला यह राज्य अपनी हरी-भरी वनस्पति, सुंदर प्राकृतिक घाटियों और विशाल पर्वतों के लिए जाना जाता है। यह देश में सबसे कम आबादी वाला और क्षेत्रफल के लिहाज़ से गोवा के बाद दूसरा सबसे छोटा राज्य है। बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों, फूलों के गुच्छों से लदे मैदान, चमकदार रंग-बिरंगी संस्कृति और त्योहारों के बीच सैलानी यहाँ बहुत सुकून महसूस करते हैं। इस साफ-सुथरे राज्य की शान है, कंचनजंगा पर्वत। यह दुनिया का तीसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। इन पहाड़ों के बीच अनेक पवित्र गुफाएँ हैं। यहाँ 135 फीट ऊँची गुरु पदम् संभव की मूर्ति सामदुप से दक्षिण सिक्किम में स्थित है। सिक्किम में गर्म पानी के अनेक झरने हैं, जो बीमारियों को ठीक करने के लिए मशहूर हैं। इनमें फुरचाचु, युमथांग, बोरांग, रालांग, तरमचु और युमी सामडोंग हैं।
सिक्किम के अत्यधिक खूबसूरत शहरों में से एक है, गंगटोक। यह राज्य की राजधानी भी है। यहाँ देखने लायक जगहों में खास एंची मठ, स्थायी पुष्प प्रदर्शनी जो वाइट मेमोरियल हॉल के पास वाइट हॉल में लगाई जाती है, डो-ड्रल चार्टन स्तूप, हथकरघा और दस्तकारी केंद्र, नम ग्याल इंस्टीट्यूट ऑफ तिबेतोलॉजी, सरामसा गार्डन, रामटेक धर्मचक्र केंद्र, जवाहरलाल नेहरू वनस्पति उद्यान, ताशी व्यू प्वाइंट, सा-नगोर-चोट शोध केंद्र और गणेश टोक आदि हैं।
गंगटोक के अलावा पीलिंग भी सिक्किम का खास पर्यटन स्थल है। यहाँ से हिमालय और कंचनजंगा को काफी नज़दीक देखा जा सकता है। पहाड़ पर चढ़ाई के शौकीन लोग यहाँ से दुर्गम पहाड़ियों पर चढ़ाई करते हैं। वैसे सिक्किम में सैलानी पर्वतारोहण के अलावा रिवर राफ्टिग, ट्रेकिंग और माउंटेन बाइकिंग का भी मज़ा उठा सकते हैं। ठंड के मौसम में यहाँ कभी-कभी बर्फ की चादर भी दिखाई पड़ती है।
जो भी सैलानी सिक्किम आता है, वह, कंचनजंगा नेशनल पार्क देखने जरूर जाता। है। यह क्षेत्र आरक्षित वनों के तहत आता है। यहाँ की खास बात यह है कि यहाँ कोई रिहाइश नहीं है। यहाँ स्नो लेपर्ड, रेड पांडा, मस्क डीयर, भारल, हिमालयन ताहा, गोरल सीरो, लेजर कैट जैसी कई दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। कंचनजंगा नेशनल पार्क के अलावा हिमालयन जूलॉजिकल पार्क, क्योंगनोसला एल्पाइन अभयारण्य और फैमबोंग लो वन्य जीवन अभयारण्य यहाँ के खास दर्शनीय स्थल हैं। यहाँ पक्षियों की कुल 550 प्रजातियाँ बताई जाती हैं