Hindi, asked by Sureshbheje8527, 1 year ago

Sirf tark krne vala dimag ek aise chaku ki tarh h jisme Sirf dhar h vah prayog krne vale ka hath raktmay kr deta h eassay

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Answered by Anonymous
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मित्र , हमे तर्क से बचना चाहिए क्योंकि ,सिर्फ तर्क करने वाला दिमाग एक ऐसे चाकू की तरह है जिसमें सिर्फ बुलेट है और इसका प्रयोग करने वाले के हाथ से खून निकाल देता है >>
आपका यह कथन बहुत सारे तथ्यो पर सत्य भी है । क़्योंकि आज कल के समाज में सिर्फ तर्क करना सभी समस्याओं का हल नहीं है , इसलिए हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि हम किस के सामने क्या बात कर रहे हैं , क्योंकि हमारी एक विवाह बात और एक ब्लड शामिल होती है ।
जैसे कि सामने वाले व्यक्ति को बुरा लग सकता है ।
और वह हमारी पिटाई कर सकता है , इसीलिए कहा गया है कि सिर्फ करके आने की बकबक करने वाला दिमाग एक चाकू की तरह होता है और उसका प्रयोग करता है उसी का हाथ काटता है ।

Shaizakincsem: You cannot copy past the same answer. You have to come up with different answer in each question.
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