Hindi, asked by tamannah57, 11 months ago

skill training and theoretical training की समानताएं और असमानताएं ​

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Answered by AadilPradhan
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जीवन में किसी भी काम को करने के लिए, किसी पेशे को अपनाने के लिए, किसी तरह की नौकरी करने के लिए एक खास किस्म के हुनर की आवश्यकता होती है। थ्योरेटिकल ट्रेनिंग जहाँ इस हुनर के लिए आधार तैयार करती है, वहीं प्रैक्टिकल ट्रेनिंग इसके लिए इंसान को व्यावहारिक तौर पर सक्षम बनाती है।

समानताएं:

  • दोनों तरह की ट्रेनिंग में कुशल ट्रेनर की आवश्यकता होती है जो कि संबंधित पेशे अथवा कला में दक्ष हो।
  • दोनों ट्रेनिंग में ट्रेनी को मानसिक व शारीरिक तौर पर सक्षम होना जरूरी है।

असमानताएँ:

  • थ्योरेटिकल ट्रेनिंग में किताबों अथवा मौखिक उदाहरणों के द्वारा पढ़ाया जाता है, जबकि प्रैक्टिकल ट्रेनिंग में एक्सपेरिमेंट और अनुभव के आधार पर सिखाया जाता है।
  • थ्योरिटिकल ट्रेनिंग के आधार पर ट्रेनी उस विषय में जानकारी तो ग्रहण कर सकता है, परंतु उसे खुद कर पाने में सक्षम होने के लिए प्रक्टिकल ट्रेनिगं बेहद महत्वपूर्ण है।
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