Hindi, asked by bar7unasmjyoti, 1 year ago

Small paragraph on saina nehwal in Hindi

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Answered by appudelli20
62
स्टार शटलर, 'साइना नेहवाल' का जन्म 17 मार्च 1990 को गाज़ियाबाद, भारत के धिंदर गांव में हुआ था। साइना के पिता डाo हरवीर सिंह एक वैज्ञानिक हैं। उनकी माता श्रीमती ऊषा नेहवाल स्वयं पूर्व बैडमिंटन चैंपियन रह चुकी हैं। साइना वर्त्तमान में अपने परिवार के साथ ही हैदराबाद, भारत में रहकर पढ़ाई कर रही हैं। 

बैडमिंटन के प्रति साइना का रुझान बचपन से ही था। साइना ने सफलता पाने के लिए सदैव अपने उद्देश्य पर निशाना साधा। हर पल और हर कदम अपने टारगेट के बारे में सोंचा। साइना ने बड़े मुकाम पर पहुँचने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करी। वह प्रति दिन कम से कम 7 से 8 घंटे अपनी प्रैक्टिस पर देती हैं। साइना अब तक कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं।

साइना ने लंदन ओलंपिक गेम्स 2012 में कांस्य पदक जीता। बैडमिंटन मे ऐसा करने वाली साइना भारत की पहली खिलाङी हैं। इसके साथ ही 2010 में महिला सिंगल्स में स्वर्ण, वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण के अलावा उन्होंने कई चैंपियनशिप जीती हैं। साइना वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वे इंडोनेशियन ओपन जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं। 

साइना ने भारत में बैडमिंटन का क्रेज बढ़ाया। भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री एवं सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से अलंकृत एवं सम्मानित किया जा चुका है। आज बैडमिंटन और साइना नेहवाल एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं।
Answered by pr20
4

Explanation:

स्टार शटलर, 'साइना नेहवाल' का जन्म 17 मार्च 1990 को गाज़ियाबाद, भारत के धिंदर गांव में हुआ था। साइना के पिता डाo हरवीर सिंह एक वैज्ञानिक हैं। उनकी माता श्रीमती ऊषा नेहवाल स्वयं पूर्व बैडमिंटन चैंपियन रह चुकी हैं। साइना वर्त्तमान में अपने परिवार के साथ ही हैदराबाद, भारत में रहकर पढ़ाई कर रही हैं।

बैडमिंटन के प्रति साइना का रुझान बचपन से ही था। साइना ने सफलता पाने के लिए सदैव अपने उद्देश्य पर निशाना साधा। हर पल और हर कदम अपने टारगेट के बारे में सोंचा। साइना ने बड़े मुकाम पर पहुँचने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करी। वह प्रति दिन कम से कम 7 से 8 घंटे अपनी प्रैक्टिस पर देती हैं। साइना अब तक कई बड़ी उपलब्धियाँ अपने नाम कर चुकी हैं।

साइना ने लंदन ओलंपिक गेम्स 2012 में कांस्य पदक जीता। बैडमिंटन मे ऐसा करने वाली साइना भारत की पहली खिलाङी हैं। इसके साथ ही 2010 में महिला सिंगल्स में स्वर्ण, वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में स्वर्ण के अलावा उन्होंने कई चैंपियनशिप जीती हैं। साइना वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय हैं। वे इंडोनेशियन ओपन जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।

साइना ने भारत में बैडमिंटन का क्रेज बढ़ाया। भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्मश्री एवं सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न से अलंकृत एवं सम्मानित किया जा चुका है। आज बैडमिंटन और साइना नेहवाल एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं।

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