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हाथरस। हिन्दुस्तान संवाद। अंतर्राष्ट्रीय मादक द्रव्य निषेध दिवस गुरुवार को मनाया जाएगा। पूर्व संध्या पर प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से राजयोग शिक्षिका बीके शांता बहन ने बताया कि देश में आज आधे से अधिक युवा पीढ़ी नशे की गुलामी की तरफ बढ़ गई है।
कहीं यह शौक के रूप में, कहीं मान्यताओं के रूप में तो कहीं हाई सोसाइटी की प्रतिष्ठा के रूप में, कहीं स्वयं को युवा और स्मार्ट दिखाने के चलन, कहीं दु:ख, तनाव, अशान्ति को हटाने के लिए लोग नशे के आदि हो गए हैं। चरस, गांजा, भांग का प्रयोग लोग आनन्द की अनुभूति करने के लिए करते हैं। थोडेम् समय के आनन्द के बाद नशा उतरने पर चित्त विभ्रम, अनिद्रा, बैचेनी, याददास्त की कमी, जी मिचलाना, अपच आदि समस्यायें खड़ी हो जाती हैं।
हेरोइन, मोरफिन आदि पदार्थ निद्रा लाने तथा दर्दनाशक के रूप में प्रयुक्त औषधियाँ मानी गईं परन्तु आधुनिक समय में इनका प्रयोग नशे के रूप में किया जाने लगा है। बताया जा रहा है कि आज देश में 15 लाख से अधिक ब्राउन शुगर के व्यसनी हो चुके हैं। नीद लाने वाले गोलियाँ भी नशे के रूप में लेने लगे हैं। रबर चिपकाने वाला पदार्थ सोल्यूसन और व्हाटनर आदि भी नशा करने के लिए प्रयोग करने वाला पदार्थ बन गये हैं।
शराब को तो जैसे कि आधुनिक समाज में मान्यता मिल गई है। व्यसन मुक्ति में राजयोग की भूमिका अहम: युवा पीढ़ी को इस नशे की दुनिया से अलग रखने के लिए अगर थोड़े से भी प्रयास किये जायें तो आज के इस कलिकाल के युग में होने वाले बहुत से अपराध, सड़क दुर्घटनाओं पर कुछ तो रोक लगाई ही जा सकती है। व्यसन मुक्ति में राजयोग की अहम भूमिका है। राजयोग समाधि सकारात्मक चिन्तन की एक सरलतम विधि और जीवन पद्घति है जो व्यक्ति के मन, बुद्घि और संस्कारों को सुधारती है।
ईश्वरीय ज्ञान और योग के अभ्यास द्वारा व्यक्ति का मन स्वच्छ बनकर मलीन और नकारात्मक कुविचारों से मुक्ति दिलाता है। आज एक नहीं हजारों उदाहरण हैं कि जो लोग पहले व्यसनों का उपयोग करते थे आज वे नशे के व्यसनों से कोसों दूर हैं। नशा जनित बीमारियों पर हो रहा मोटा खर्च: जितना पैसा इन उत्पादों को बेचने से प्राप्त हो रहा है, उससे कई गुना धन इनसे होने वाली बीमारियों के ऊपर खर्च हो रहा है। इन मादक पदाथरें की लत को खत्म करने और उनको खरीदने के लिए कभी कभी आदमी दूसरों की हत्या करने में भी संकोच नहीं करता।
चोरी और अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले अधिकांश युवा इन नशों के आदी हैं। जब इन सबसे ग्लानि हो जाती है तो मानव अपने शरीर को नष्ट करने में भी देरी नहीं करता। हाथरस में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय वशि्व विद्यालय के राजयोग एजूकेशन एण्ड रसिरे्च सेण्टर माउण्ट आबू के मेडीकल विंग द्वारा मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत अभियान को आनन्दपुरी केन्द्र संचालिका बीके शान्ता बहिन और उनके सहयोगी ब्रह्मावत्स लोगों में जागृति फैलाने का कार्य कर रहे हैं।
अब तक जनपद के दर्जनों गांवों, शैक्षणिक संस्थाओं, सरकारी और गैर सरकारी स्थलों पर जाकर लोगों को नशे के प्रति जागरुक किया जा चुका है।
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