Solutions of CH-14 Dharam Shiksha (Teri dar ko chhodkar kis dar jau mai)
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उत्तर -> "तेरे दर को छोड़कर किस दर जाऊं मैं" प्रस्तुत पंक्तियों में ईश्वर से भक्त निवेदन करता है कि हे प्रभु! मैं तुम्हारी शरण को छोड़कर कहां जाऊं अर्थात मेरा तुम्हारे बिना कल्याण नहीं हो सकता है। मैं आप की ही शरण में रहना चाहता हूं और आप की भक्ति में ही लीन रहना चाहता हूं।
यदि मैं आप से विमुख हो गया अर्थात आप की भक्ति से हट गया तो मेरा कल्याण नहीं होगा, आप ही इस संसार के पालनहार हैं। अतः आप की शरण में ही मेरा उद्धार होगा इसलिए मैं आपकी शरण को छोड़कर कहीं ओर नहीं जाना चाहता हूं।
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