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2. उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा।
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जागा।
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अतिशयोक्ति अलंकार
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पूरा प्रश्न इस प्रकार होगा :
उस काल मारे क्रोध के तन काँपने उसका लगा।
मानो हवा के जोर से सोता हुआ सागर जागा।
इन पंक्तियों में निहित रस बताएं
उत्तर :
इन पंक्तियों में निहित रस रौद्र रस है।
रौद्र रस की परिभाषा के अनुसार रौद्र रस उन पंक्तियों में प्रकट होता है, जहां पर क्रोध अथवा रौद्र रूप की झलक दिखाई देती हो। इन पंक्तियों के माध्यम से रौद्र का भाव प्रकट हो रहा है, इसीलिए इन पंक्तियों में रौद्र रस है। पंक्तियों से स्पष्ट हो रहा है कि क्रोध के कारण उसका तन कांपने लगा है और ऐसा लग रहा है जैसे हवा के जोर से रोता हुआ सागर जब उठा हो। यह पंक्तियां विरोध के भाव को प्रकट कर रही है इसलिए इन पंक्तियों में रौद्र रस होगा।
#SPJ3
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https://brainly.in/question/26876125
निम्नलिखित काव्य पंक्तियों में निहित रस का नाम बताइए
दूलह श्री रघुनाथ बने, दुलही सिय सुंदर मंदिर माही।।
गावत गीत सबै मिलि सुंदरि वेद जुआ जुरि विप्र पढ़ाही।।
राम को रूप निहारति जानकी कंगन के नग की परछाहीं॥
याते सबै सुधि भूलि गई कर टेकि रही पल टारति नाहीं।
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माला फेरत जुग गया गया न मन का फेर कर का मनका डारि दे मन का मनका फेर में कौन सा रस है?