Hindi, asked by sarojrathore794, 8 hours ago

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Answered by ishikaprashar7
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पिछले वर्ष के आर्थिक घटनाक्रम पर अगर लिखें तो उस पर कोविड-19 की छाप निश्चित तौर पर दिखेगी. जब पूरा वर्ष ही कोविड-19 के प्रभाव का रहा है तो कोई भी आर्थिक मूल्यांकन इसके दायरे से बाहर निकलकर नहीं किया जा सकता है. लेकिन, इसके आर्थिक मूल्यांकन को दो पहलुओं में बांटकर समझा जाना चाहिए. एक उस हिस्से का आर्थिक मूल्यांकन जो कोविड-19 के पहले का है. यह एक छोटी अवधि का होगा. जहां कोविड-19 से पहले ही अर्थव्यवस्था में जारी गिरावट की चर्चा होगी और 2020 का आम बजट है जो कि इस वैश्विक महामारी के चलते अपने लक्ष्य को पूर्णता हासिल नहीं कर सका है. एक आर्थिक मूल्यांकन कोविड-19 के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति का होगा.

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