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bye guys...
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Answer:
क्रिया के भेद और उदाहरण
कर्ता – काम करने वाले को कर्ता कहते हैं।
कर्म – कर्ता जो काम करता है, उसे कर्म कहते हैं।
एक ही वाक्य में कर्ता, कर्म और क्रिया को किस तरह पहचाननेगे? ...
संरचना या प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद इस प्रकार हैं- ...
जैसे - ...
लड़के क्रिकेट खेल चुके हैं। ...
महेश को रोना आ गया।
धातु – क्रियाओं का मूल रूप धातु’ कहलाता है। क्रिया शब्दों का निर्माण धातुओं से होता है। लिखना क्रिया की धातु की ‘लिख’ है। जो क्रिया शब्दों के मूल में होता है, वह अंश धातु कहलाता है; जैसे- खा, जा, पढ़, चल आदि।
क्रिया के भेद
कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं?
अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया।
1. अकर्मक क्रिया – जिस क्रिया के व्यापार का फल कर्ता पर ही रहे तथा जिसके साथ कर्म की आवश्यकता न हो, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- ओजस्व हँस रहा है। शेर दहाड़ता है।
2. सकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में कर्म पाया जाता है, वह सकर्मक क्रिया कहलाती है।
जैसे- नेहा दूध पी रही है। अंशु पुस्तक पढ़ रही है।
प्रयोग की दृष्टि से क्रिया के पाँच भेद होते हैं
सामान्य क्रिया – जिन क्रियाओं के व्यापार का फल दोनों कर्ता पर जाए, उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे—मैंने आम खाया।
संयुक्त क्रिया – दो या दो से अधिक धातुओं से मिलकर बनी क्रियाएँ संयुक्त क्रिया कहलाती हैं।
नामधातु क्रिया – जो क्रियाएँ संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनाई जाती हैं, वे नामधातु क्रिया कहलाती
प्रेरणार्थक क्रिया – जब कर्ता स्वयं कार्य न करके अन्य को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
वह क्रिया प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।
पूर्वकालिक क्रिया – मुख्य क्रिया से पहले होने वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है।
जैसे- आयुष ने भागकर बस पकड़ी।
बच्चा रोकर सो गया।
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क्रिया के भेद और उदाहरण
कर्ता – काम करने वाले को कर्ता कहते हैं।
कर्म – कर्ता जो काम करता है, उसे कर्म कहते हैं।
एक ही वाक्य में कर्ता, कर्म और क्रिया को किस तरह पहचाननेगे? ...
संरचना या प्रयोग के आधार पर क्रिया के भेद इस प्रकार हैं- ...
जैसे - ...
लड़के क्रिकेट खेल चुके हैं। ...
महेश को रोना आ गया।
धातु – क्रियाओं का मूल रूप धातु’ कहलाता है। क्रिया शब्दों का निर्माण धातुओं से होता है। लिखना क्रिया की धातु की ‘लिख’ है। जो क्रिया शब्दों के मूल में होता है, वह अंश धातु कहलाता है; जैसे- खा, जा, पढ़, चल आदि।
क्रिया के भेद
कर्म के आधार पर क्रिया के दो भेद होते हैं?
अकर्मक क्रिया
सकर्मक क्रिया।
1. अकर्मक क्रिया – जिस क्रिया के व्यापार का फल कर्ता पर ही रहे तथा जिसके साथ कर्म की आवश्यकता न हो, उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं। जैसे- ओजस्व हँस रहा है। शेर दहाड़ता है।
2. सकर्मक क्रिया – जिस क्रिया में कर्म पाया जाता है, वह सकर्मक क्रिया कहलाती है।
जैसे- नेहा दूध पी रही है। अंशु पुस्तक पढ़ रही है।
प्रयोग की दृष्टि से क्रिया के पाँच भेद होते हैं
सामान्य क्रिया – जिन क्रियाओं के व्यापार का फल दोनों कर्ता पर जाए, उन्हें सकर्मक क्रिया कहते हैं; जैसे—मैंने आम खाया।
संयुक्त क्रिया – दो या दो से अधिक धातुओं से मिलकर बनी क्रियाएँ संयुक्त क्रिया कहलाती हैं।
नामधातु क्रिया – जो क्रियाएँ संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण आदि शब्दों में प्रत्यय जोड़कर बनाई जाती हैं, वे नामधातु क्रिया कहलाती
प्रेरणार्थक क्रिया – जब कर्ता स्वयं कार्य न करके अन्य को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।
वह क्रिया प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।
पूर्वकालिक क्रिया – मुख्य क्रिया से पहले होने वाली क्रिया पूर्वकालिक क्रिया कहलाती है।
जैसे- आयुष ने भागकर बस पकड़ी।
बच्चा रोकर सो गया।
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