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बीता समय क़भी लोटकर नहीं आता
सभी के जीवन में अवसर अवश्य आते हैं। मनुष्य को इन अवसरों पर चूकना नहीं चाहिए। यह अवसर उसकी पूरी जिंदगी को बदल सकते हैं। केवट ने भगवान श्रीराम के चरण छूने का अवसर नहीं खोया। भगवान ने उसकी सद् इच्छा देख अपने चरण आगे बढ़ा दिए । यह बात साध्वी राजन देवी शास्त्री ने भक्तों के बीच कही।
अजीतमल क्षेत्र के ग्राम लालपुर में श्रीमद भागवत कथा में श्रीराम के चरित्र का चित्रण करते हुए साध्वी राजन देवी शास्त्री ने बताया कि जब भगवान श्रीराम नदी किनारे पहुंचते हैं तो केवट भगवान श्रीराम को अहिल्या का उदाहरण देकर उनके चरण धोने की बात कहता है।
भगवान श्रीराम केवट के मर्म को पहचान जाते है. वह समझ जाते हैं कि भक्त उनके चरण छूना चाहता है। भगवान श्रीराम मुस्कराकर अपने चरण आगे बढ़ा देते है। केवट भगवान श्रीराम के चरण को स्पर्श कर खुश हो जाता है।
इसी भाव को लेकर साध्वी ने बताया कि आज मानव समय पर चूक जाता है। जीव को केवट की तरह चतुराई रखनी चाहिए, क्योकि बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता है। यदि केवट प्रभु राम का चरणामृत उस वक्त न ले पाता तो फिर शायद यह मौका उसे नहीं मिलता।
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