some ten lines in hindi about bihu
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बिहू के ऊपर 10 लाइन,
#1. बिहू का त्यौहार एक कृषि त्यौहार हैं जिसे वहां के किसान अपनी फसल की बुवाई, कटाई और उनकी सुरक्षा के उपलक्ष्य में हर वर्ष तीन बार आयोजित करते है। यह मुख्यतया धान या चावल की फसल पर आधारित पर्व है।
#2. इन तीन बिहू को रोंगाली बिहू, कोंगाली बिहू और भोगाली बिहू के नाम से जाना जाता हैं। यह तीनो क्रमशः धान की फसल की बुवाई करना, फिर उसकी रक्षा करना और फिर उसकी कटाई करने से संबंधित है।
#3. इसमें रोंगाली बिहू सबसे मुख्य बिहू हैं जिसे बैसाख बिहू या बोहाग बिहू (Lines On Bihu In Hindi) भी कह देते है। यह हिंदू कैलेंडर के अनुसार बैसाख के महीने में, असम के कैलेंडर के अनुसार बोहाग के महीने में और अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अप्रैल के महीने में पड़ता है।
#4. रोंगाली बिहू सात दिनों का महापर्व होता हैं जिसमे अलग-अलग दिन का अलग-अलग महत्व है। इसमें सबसे मुख्य दिन को गोरु बिहू के नाम से जाना जाता है जिसमे किसान अपने गायो को नदी-नहर में ले जाकर हल्दी का लेप करके नहलाते है और उनकी पूजा करते है।
#5. कोंगाली बिहू को कार्तिक बिहू या कंगाली बिहू के नाम से भी जाना जाता है। यह हिन्दू कैलेंडर के अनुसार कार्तिक महीने में दीपावली के पास पड़ता है। इसमें किसान अपनी फसल की कीट-पतंगों आदि से रक्षा के लिए दीये आदि जलाते है और खुशियाँ मनाते हैं।
#6. उसके बाद अंत में आता है भोगाली बिहू जो माघ महीने में पड़ने के कारण माघ बिहू के नाम से भी जाना जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह जनवरी माह में पड़ता है। यह फसलो की कटाई और उनके व्यंजन बनाने से संबंधित है।
#7. भोगाली बिहू में असम के किसान परिवार धान, चावल, गुड़, तिल आदि से स्वादिष्ट व्यंजन बनाते हैं जैसे कि नारियल के लड्डू, तिल के लड्डू, तिल पिट्ठा, घीला पीठा, खरबूजा के बीज, मच्छी इत्यादि। इसमें तिल का पिट्ठा सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।
#8. बैसाख बिहू के दिन असम के लोगो का नववर्ष (Some Lines About Bihu In Hindi) भी होता हैं अर्थात उसी दिन से वहां के कैलेंडर की शुरुआत होती है और वहां के लोग अपना नया साल मनाते हैं।
#9. इसके साथ ही बैसाख बिहू के दिन से ही असम के लोगों में शादियाँ आयोजित होनी भी शुरू हो जाती है। इन दिनों रिश्ता पक्का करने या शादियाँ करने का अपना विशेष महत्व होता हैं।
#10. बिहू का त्यौहार असम के साथ-साथ उत्तर-पूर्व भारत के कुछ भागो और नेपाल व बांग्लादेश के भी कुछ भागो में आयोजित किया जाता है। साथ ही इन दिनों भारत देश के अन्य राज्यों में भी त्यौहार मनाए जाते हैं जिन्हें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नामो से जानते हैं