Hindi, asked by navyamishra2005, 7 months ago

soordas ke pad ka bhavarth...
pls don't write nonsense ​

Answers

Answered by ajaykumar7258048695
3

Answer:

सुरदास के पद अर्थ सहित

कवि सुरदास जी अपने इस पद में कान्हा जी की बचपन की एक लीला का वर्णन किया है | इसके अनुसार, यशोदा माता कान्हा को दुध पिलाने के लिए कहती हैं कि इससे उनकी छोटी सी चोटी , लंबी आैर मोटी हो जाएगी| कान्हा इसी विश्वास में काफी दिन दुध पीते रहते हैं || .............

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Answered by wazeed
6

Explanation:

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सूरदास के पद का भावार्थ :- प्रस्तुत पंक्तियों में गोपियाँ उद्धव (श्री कृष्ण के सखा) से व्यंग करते हुए कह रही हैं कि तुम बड़े भाग्यवान हो, जो तुम अभी तक कृष्ण के प्रेम के चक्कर में नहीं पड़े। ... जबकि गोपियाँ कृष्ण के प्रेम में इस तरह पड़ चुकी हैं, मानो जैसे गुड़ में चींटियाँ लिपटी हों। (2) मन की मन ही माँझ रही।

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