sopani pravah se aap kya samajhte h
Answers
Answer:
सोपानी नियंत्रण (सोपान = सीढ़ी ; cascade control) प्रणाली में एक से अधिक लूप होते हैं। इसमें नियन्त्रण चर के नियन्त्रण के लिये न केवल इसे ही मापा जाता है बल्कि किसी अन्य चर (या कई चरों को) को भी मापा जाता है। नियंत्रण चर को सीधे नियंत्रित करने के बजाय बाहरी लूप, भीतरी लूप के लिये सेट-पॉइन्ट प्रदान करता है जो प्रक्रम के माध्यम से अन्ततः प्राथमिक चर को नियंत्रित करता है।
तीन लूपों वाली एक सोपानी नियन्त्रण प्रणाली
सोपानी नियन्त्रण चुनने का मुख्य कारण यह होता है कि इससे नियन्त्रण करने में कठिन तन्त्र दो भागों में बंट जाता है और मुख्य डिस्टर्बैंस को घेरते हुए एक द्वितीयक नियन्त्रण लूप बना दिया जाता है। इस प्रकार द्वितीयक लूप अधिकांश डिस्टर्बैंस को हटा देता है अतः मुख्य लूप को केवल छोटी डिस्टर्बैन्स को ही नियन्त्रित करना होता है। 'शीघ्र सूचना (चेतावनी) सफलता का आधार है' (Early Warning is Basis for Success) - यही सोपानी नियंत्रण का भी आधार है।
सोपानी नियन्त्रण के लाभ
प्राथमिक चर का बेहतर नियन्त्रण
डिस्टर्बैंस प्राइमरी चर को कम प्रभावित कर पाते हैं।
डिस्टौर्बैंस का प्रभाव बहुत जल्दी समाप्त करने में मदद मिलती है।
सिस्टम की प्राकृतिक आवृत्ति में वृद्धि
देरी ( time-lag) में कमी
गतिकीय परफॉर्मैंस (dynamic performance) बेहतर हो जाता है।
द्वितीयक चर को एक सीमा से आगे जाने से आसानी से रोका जा सकता है।
सोपानी नियंत्रण प्रणाली का परीक्षण भी आसान होता है।
सोपानी नियन्त्रण वहाँ सबसे अधिक लाभदायक होता है जहाँ भीतरी बन्द लूप सभी डिस्टर्बैंस को और दूसरे ऑर्डर के देरी (lag) को समेट ले ताकि प्राथमिक लूप (बाहरी लूप) में केवल 'बड़ा लैग' ही शामिल हो।
Explanation:
plzz mark as brainleist
सोपानी नियंत्रण (सोपान = सीढ़ी ; cascade control) प्रणाली में एक से अधिक लूप होते हैं। इसमें नियन्त्रण चर के नियन्त्रण के लिये न केवल इसे ही मापा जाता है बल्कि किसी अन्य चर (या कई चरों को) को भी मापा जाता है। ... सोपानी नियंत्रण प्रणाली का परीक्षण भी आसान होता है
सोपानी नियन्त्रण चुनने का मुख्य कारण यह होता है कि इससे नियन्त्रण करने में कठिन तन्त्र दो भागों में बंट जाता है और मुख्य डिस्टर्बैंस को घेरते हुए एक द्वितीयक नियन्त्रण लूप बना दिया जाता है। इस प्रकार द्वितीयक लूप अधिकांश डिस्टर्बैंस को हटा देता है अतः मुख्य लूप को केवल छोटी डिस्टर्बैन्स को ही नियन्त्रित करना होता है। 'शीघ्र सूचना (चेतावनी) सफलता का आधार है' (Early Warning is Basis for Success) - यही सोपानी नियंत्रण का भी आधार है।
सोपानी नियन्त्रण के लाभ
प्राथमिक चर का बेहतर नियन्त्रण
डिस्टर्बैंस प्राइमरी चर को कम प्रभावित कर पाते हैं।
डिस्टौर्बैंस का प्रभाव बहुत जल्दी समाप्त करने में मदद मिलती है।
सिस्टम की प्राकृतिक आवृत्ति में वृद्धि
देरी ( time-lag) में कमी
गतिकीय परफॉर्मैंस (dynamic performance) बेहतर हो जाता है।
द्वितीयक चर को एक सीमा से आगे जाने से आसानी से रोका जा सकता है।
सोपानी नियंत्रण प्रणाली का परीक्षण भी आसान होता है।
सोपानी नियन्त्रण वहाँ सबसे अधिक लाभदायक होता है जहाँ भीतरी बन्द लूप सभी डिस्टर्बैंस को और दूसरे ऑर्डर के देरी (lag) को समेट ले ताकि प्राथमिक लूप (बाहरी लूप) में केवल 'बड़ा लैग' ही शामिल हो
Explanation:
I hope it helps you.
mark me as branliest.
follow me .